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Published 11:16 IST, September 28th 2024

'हास्यास्पद, सबसे घटिया...', UNGA में पाकिस्तानी PM को भारत ने दिखाया आईना, कश्मीर मुद्दे पर लताड़ा

भारत ने कहा कि हास्यास्पद है कि एक देश जिसने 1971 में नरसंहार किया, अपने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता है, वह असहिष्णुता-भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है।

Reported by: Ruchi Mehra
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पाकिस्तान को भारत का जवाब | Image: ANI
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India's Reply to Pakistan at UNGA: पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं लेता। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार भारत के हाथों मुंह की खाने के बाद भी वह कश्मीर का मुद्दा उठाता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर UNGA में कश्मीर ( Pakistan raised Kashmir issue at UNGA) का राग अलापा। इसके बाद भारत ने जवाब देते हुए फिर पाकिस्तान को अच्छे से धोया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारतीय डिप्लोमैट भाविका मंगलनंदन ने UNGA में ‘जवाब देने के अधिकार’ (Right to Reply) के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बयान की आलोचना की। उन्होंने उनके भाषण को हास्यास्पद बताया।

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शहबाज शरीफ को भारत का जवाब

अपने जवाब में भारत की ओर से कहा गया, "आज सुबह इस सभा में दुखद रूप से एक हास्यास्पद घटना देखी गई। सेना द्वारा संचालित एक देश, जिसकी वैश्विक पहचान आतंकवा, नशीले पदार्थों, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध की है, उसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया।"

भारतीय डिप्लोमैट ने कहा कि  जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थयात्रा मार्गों पर हमला किया। इसकी लिस्ट बहुत लंबी है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है।"

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‘आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं…’

भाविका ने आगे कहा कि धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले देश के लिए लोकतंत्र में राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है। असली सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारे क्षेत्र पर लालच करता है और वास्तव में भारत के अभिन्न अंग जम्मू और कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है।

भारतीय प्रतिनिधि ने इस दौरान साफ शब्दों में कहा कि आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वास्तव में, पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के परिणाम अवश्यंभावी होंगे। यह हास्यास्पद है कि एक राष्ट्र जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो आज भी अपने अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार करता है, वह असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है।

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उन्होंने आगे ओसामा बिन लादेन का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान वास्तव में क्या है। हम एक ऐसे देश की बात कर रहे हैं जिसने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन को पनाह दी। एक ऐसा देश जिसकी उंगलियों के निशान दुनियाभर में कई आतंकवादी घटनाओं पर हैं।

‘बार-बार दोहराने से कुछ नहीं बदलेगा’

उन्होंने कहा कि शायद यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए कि उनके प्रधानमंत्री इस पवित्र हॉल में ऐसा बोलें। फिर भी हमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके शब्द हम सभी के लिए कितने अस्वीकार्य हैं। हम जानते हैं कि पाकिस्तान सच्चाई का मुकाबला और झूठ से करने की कोशिश करेगा। बार-बार दोहराने से कुछ नहीं बदलेगा। हमारा रुख स्पष्ट है और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है।

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कश्मीर मुद्दे पर क्या बोले शहबाज शरीफ? 

बता दें कि इससे पहले न्यूयॉर्क में UNGA के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन के लोगों की तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भी अपनी आजादी और अधिकारों के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया। इस दौरान वह भारत पर UNSC के प्रस्तावों को लागू करने के वादे से मुकरने का भी आरोप लगाते नजर आए। साथ ही पाकिस्तानी पीएम ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की आलोचना की और कहा कि  भारत को इस फैसले को वापस लेना चाहिए और मुद्दे पर शांतिपूर्ण समाधान के लिए पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए।

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11:14 IST, September 28th 2024