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Published 23:01 IST, February 23rd 2024

स्पैम कॉल पर लगेगी लगाम! सरकार भी लेकर आ रही TrueCaller जैसी सुविधा, जानिए कैसे करेगी काम?

TrueCaller: सुविधा के लिए TRAI ने ड्रॉफ्ट मसौदा जारी किया है। इसके बाद जल्द ही आपके फोन पर नंबर के साथ कॉलर का असली नाम भी आ जाएगा।

Reported by: Ruchi Mehra
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सरकार लाएगी ट्रू कॉलर जैसी सुविधा | Image: Social Media
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Fake or Spam Calls: फेक और स्पैम कॉल से हम सभी बहुत परेशान रहते हैं। हर रोज आने वाली यह फर्जी कॉल लोगों की मुसीबत बन गई हैं, क्योंकि कई बार इससे लोग साइबर फ्रॉड का शिकार भी हो जाते हैं। साइबर ठगी काफी बढ़ गए हैं। एक अनजान कॉल के जरिए स्कैमर्स किसी को भी अपना शिकार बना लेते हैं और उनकी मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर लेते हैं।

लेकिन अगर हमें कॉल के समय ही पता चल जाए कि आने वाला फोन स्पैम है, तो लोगों की समस्याएं हल हो जाए। इसी दिशा में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब सरकारी ट्रू कॉलर (Truecaller) लाने की तैयारी में हैं।

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TRAI ने जारी किया ड्राफ्ट

जी हां, जिस तरह ट्रू कॉलर पर फेक कॉल आने पर हमें अलर्ट मिल जाता है। सरकार भी अब इस तरह की सर्विस शुरू करने जा रही है। इस सुविधा के लिए TRAI ने ड्रॉफ्ट मसौदा जारी किया है। इसके बाद जल्द ही आपके फोन पर नंबर के साथ कॉलर का असली नाम भी आ जाएगा। फोन पर वही नाम आएगा, जो उसने अपने मोबाइल कनेक्शन के फॉर्म में दिया होगा। इससे फर्जी कॉल पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

सिफारिशों से जुड़ी बड़ी बातें

बता दें कि इसको लेकर TRAI ने 29 नवंबर 2022 को ‘दूरसंचार नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) का परिचय’ नाम से एक परामर्श पत्र (Consultation Paper) जारी किया था। इसमें सभी हितधारकों से इसको लेकर उनकी टिप्पणिया मांगी गईं। परामर्श पत्र पर वर्चुअल मोड के जरिए चर्चा भी आयोजित की गई थी। इस दौरान सभी हितधारकों से मिली टिप्पणियों या इनपुट के आधार पर और खुद के विश्लेषण के बाद TRAI ने ‘भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा की शुरुआत’ पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया।

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सिफारिशों में कहा गया कि भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सप्लिमेंटरी सेवा शुरू होनी चाहिए। इसमें कहा गया कि कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन (CLI) को E.164 के मुताबिक असाइन टेलीफोन नंबर के संदर्भ में कॉल करने वाले/प्रारंभ करने वाले ग्राहक की पहचान के रूप में फिर से समय-समय पर लाइसेंसकर्ता द्वारा परिभाषित किया जाना चाहिए।

सभी सेवा प्रदाताओं को अपने टेलीफोन ग्राहकों के अनुरोध पर कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) पूरक सेवा प्रदान की जानी चाहिए। वहीं, ग्राहक आवेदन फॉर्म (CAF) में टेलीफोन ग्राहक द्वारा प्रदान की गई नाम पहचान जानकारी का उपयोग CNAP के उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए। भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में CNAP के कार्यान्वयन के लिए एक तकनीकी मॉडल की रूपरेखा तैयार की गई है।

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सिफारिशों की मंजूरी मिलने के बाद सरकार को उपयुक्त कट-ऑफ तारीख के बाद भारत में बेचे जाने वाले सभी उपकरणों में CNAP सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उचित निर्देश जारी किए जाने चाहिए। 

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23:01 IST, February 23rd 2024