पब्लिश्ड 12:21 IST, August 30th 2024
ओलंपिक में दिल टूटने के बाद विनेश फोगाट ने स्वर्ण मंदिर में टेका माथा, बताया वाहेगुरु से क्या मांगा
Vinesh Phogat: भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में माथा टेकते नजर आ रही हैं। विनेश ने बताया कि उन्होंने वाहेगुरु से क्या मांगा।
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पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के साथ जो हुआ उससे पूरे भारत को बड़ा झटका लगा। स्टार महिला पहलवान ने एक दिन में 3 धुरंधर पहलवानों को चारों खाने चित्त किया लेकिन फिर अगले ही दिन वो किस्मत से लड़ाई हार गईं। फाइनल में जगह बनाने के बाद जब उनका वजन तोला गया तो 50 किलोग्राम से 100 ग्राम अधिक निकला और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
बता दें कि विनेश फोगाट ओलंपिक के फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय रेसलर बनीं थीं। हालांकि, इसके बावजूद उन्हें खाली हाथ भारत लौटना पड़ा। हरियाणा की बेटी को भले ही देशवासियों का ढेर सारा प्यार मिल रहा है लेकिन ओलंपिक में मेडल ना जीतने की कसक को कोई पूरी नहीं कर सकता। शुक्रवार को विनेश फोगाट अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने पहुंचीं।
विनेश फोगाट ने स्वर्ण मंदिर में टेका माथा
सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आया है जिसमें देख सकते हैं कि भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में माथा टेकते नजर आ रही हैं। पूजा के बाद विनेश ने मीडिया से बातचीत कर बताया कि उन्होंने वाहेगुरु से क्या मांगा है।
विनेश फोगाट ने कहा, ''यहां आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैं एक सकारात्मक ऊर्जा महसूस कर रही हूं। वाहेगुरु से मेरी यही प्रार्थना है कि मुझे शक्ति और हिम्मत दें। हमारे सभी प्रियजन सुरक्षित रहें, हमारा देश सुरक्षित रहे। मैंने बाबा से आशीर्वाद मांगा है कि वे हमारा मार्गदर्शन करते रहें और हम मानवता के लिए सही दिशा में काम करते रहें।
विनेश फोगाट को गांव वालों ने दिया गोल्ड मेडल
बता दें कि पेरिस ओलंपिक में भले ही मेडल विनेश फोगाट के हाथ में आया मगर मुंह नहीं लग सका, लेकिन भारत पहुंचते ही उनके गांव वालों ने उन्हें बहुत सम्मान दिया। विनेश फोगाट को हरियाणा में खाप पंचायत की तरफ से गोल्ड मेडल पहनाया गया। इस दौरान वो भावुक भी हो गईं।
कुश्ती को कहा अलविदा
पेरिस ओलंपिक में दिल टूटने के कुछ दिनों बाद विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान किया। भावुक पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई, माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससेज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी माफी।
अपडेटेड 12:21 IST, August 30th 2024