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Published 20:22 IST, December 19th 2024

2024 में भारतीय एथलेटिक्स: चोपड़ा ने बिखेरी चमक, लेकिन डोपिंग का साया भी मंडराता रहा

नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने और 90 मीटर की दूरी पार करने में भी नाकाम रहे लेकिन इसके बावजूद वह वर्ष 2024 में भारतीय एथलेटिक्स के निर्विवाद नायक बन रहे।

Indian Javelin thrower Neeraj Chopra | Image: AP/PTI

नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने और 90 मीटर की दूरी पार करने में भी नाकाम रहे लेकिन इसके बावजूद वह वर्ष 2024 में भारतीय एथलेटिक्स के निर्विवाद नायक बन रहे।

भाला फेंक का यह 26 वर्षीय खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक में अपने स्वर्ण पदक का बचाव नहीं कर पाया और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। वह प्रतिष्ठित डायमंड लीग फाइनल में भी दूसरे स्थान पर रहे।

लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने चोटिल होने के बावजूद यह दोनों उपलब्धियां हासिल की। वह पेरिस ओलंपिक से पहले ही जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव से परेशान थे जबकि डायमंड लीग फाइनल से पहले उनका बायां हाथ चोटिल हो गया था।

पेरिस ओलंपिक में वह पाकिस्तान के अरशद नदीम के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे। पाकिस्तान के एथलीट ने 92.97 मीटर भाला फेंककर खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया था। डायमंड लीग फाइनल में वह ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे।

चोपड़ा का लक्ष्य 90 मीटर की दूरी हासिल करना था लेकिन इस वर्ष दो बार इसके करीब पहुंचने के बावजूद वह इस जादुई आंकड़े को छूने में नाकाम रहे। चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है। वह अगले साल भी अपने इस लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश करेंगे।

एथलेटिक्स में भारत के अन्य खिलाड़ियों की बात करें तो 3000 मीटर स्टीपलचेज़र अविनाश साबले एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने से आगे बढ़ने में असफल रहे। पेरिस ओलंपिक फाइनल में वह 11वें स्थान पर रहे।

एक अन्य विश्व स्तरीय एथलीट लंबी कूद खिलाड़ी मुरली श्रीशंकर घुटने की चोट और उसके बाद की सर्जरी के कारण ओलंपिक में भाग लेने से चूक गए। पुरुषों की चार गुना 400 मीटर रिले टीम ने भी निराश किया। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ को पेरिस ओलंपिक में उससे काफी उम्मीद थी लेकिन वह फाइनल के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर पाई।

इस दौरान डोपिंग ने भी भारतीय एथलेटिक्स का पीछा नहीं छोड़ा। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी ने पॉजिटिव पाए गए डोपिंग मामलों के 10 साल के वैश्विक अध्ययन में भारत को रूस के बाद दूसरा सबसे खराब देश बताया। देश को निराश करने वाले सितारों में 2016 में ओलंपिक में भाग लेने वाली निर्मला श्योराण भी थीं, जिन पर दूसरे डोप उल्लघंन के लिए आठ साल का प्रतिबंध लगाया गया था।

अंतरराष्ट्रीय महासंघ की एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट (एआईयू) के कई डोप परीक्षणों में विफल रहने के कारण तार ला फेंक एथलीट रचना कुमारी पर 12 साल का प्रतिबंध लगाया। लंबी दूरी के धावक जी लक्ष्मणन और धाविका हिमानी चंदेल पर क्रमशः दो और चार साल का प्रतिबंध लगाया गया।

उभरते हुए भाला फेंक खिलाड़ी डीपी मनु पेरिस ओलंपिक से पहली डोप जांच में पॉजीटिव पाए गए जबकि पैदल चाल में पूर्व राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी भावना जाट पर अपने ठिकाने की जानकारी नहीं देने के कारण 16 महीने का प्रतिबंध लगाया गया था।

अमेरिका में एनसीएए सर्किट में अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरने वाले मध्यम दूरी के धावक परवेज खान और एशियाई खेलों में चार गुना 400 मीटर रिले स्वर्ण विजेता वीके विस्मया भी डोप परीक्षण में विफल रहे। इस साल कुछ नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बने। साबले ने पेरिस डायमंड लीग के दौरान पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज में 8:09.91 सेकंड का समय लेकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

अक्षदीप सिंह (पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल) गुलवीर सिंह (पुरुषों की 5,000 मीटर और 10000 मीटर), केएम दीक्षा (महिलाओं की 1500 मीटर), और आभा खटुआ (महिला शॉट पुट) भी उन खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने अपनी संबंधित स्पर्धाओं में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए।

ये भी पढ़ें- खो खो विश्वकप: भारत का पहला मैच पाकिस्तान से


 

भाषा पंत नमिता

नमिता

Updated 20:22 IST, December 19th 2024

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