Published 19:25 IST, September 3rd 2024
10 साल बिस्तर पर गुजारे... मनु की तरह भारत को 2 मेडल दिलाने वाली Preethi Pal की संघर्ष भरी दास्तां
23 साल की प्रीति पाल (Preethi Pal) ने पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) में मनु भाकर (Manu Bhaker) वाला करिश्मा तो किया है, लेकिन उनकी जिंदगी काफी अलग रही है।
Preethi Pal: दुनिया भर में इस समय खेलों का सीजन चल रहा है। खेलों का सबसे बड़ा इवेंट पेरिस में हो रहा है। हाल ही में ओलंपिक (Olympic) की मेजबानी करने वाला ये शहर अब पैरालंपिक खेलों (Paralympics Games) की मेजबानी कर रहा है। भारतीय एथलीट 2024 पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics 2024) खेलों में झंडे गाड़ रहे हैं।
भारतीय स्टार निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhaker) ने पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) में करिश्मा करके दिखाया था। वो एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली आजाद भारत की पहली खिलाड़ी बनी थीं। मनु (Manu) वाला कारनामा अब भारतीय पैरा एथलीट प्रीति पाल (Preethi Pal) ने कर दिखाया है। यूपी की इस लड़की ने मनु (Manu) की तरह ही पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) में दो मेडल जीते हैं और वो ऐसा करने वाली पहली पैरा एथलीट (Para Athlete) हैं।
भारत की पेरा एथलीट प्रीति पाल (Preethi Pal) ने मौजूदा 2024 पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics 2024) में वो कामयाबी हासिल की है, जिसके लिए भारत के दिग्गज धावक मिल्खा सिंह (Milkha Singh) और पीटी उषा (PT Usha) तरसते रहे। उत्तर प्रदेश की रहने वाली 23 साल की प्रीति पाल (Preethi Pal) ने पेरिस पैरालंपिक में स्प्रिंट में मेडल जीतकर इतिहास रचा है। उत्तर प्रदेश (UP) की इस धाविका (Sprinter) ने ऐसा कारनामा किया है कि स्प्रिंट (Sprint) की दुनिया में खलबली मचा दी है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रीति पाल जब पैदा हुईं तो उनके पैर जुड़े हुए थे। यहां तक कि 10 साल तक वो चल नहीं पाईं थीं और अब पैरालंपिक में दौड़ लगाकर उन्होंने देश को दो-दो मेडल दिलाए हैं।
प्रीति पाल के संघर्ष की दास्तां
23 साल की प्रीति पाल (Preethi Pal) ने पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) में मनु भाकर (Manu Bhaker) वाला करिश्मा किया तो है, लेकिन उनकी जिंदगी उनसे काफी अलग रही है। प्रीति के परिवारालों ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो बचपन से ही सबसे अलग थीं। बहुत छोटी उम्र में ही उनके दोनों पैर जुड़ गए थे और कुछ समय बाद घरवालों को सेरेब्रल पाल्सी बीमारी का पता चला।
बिस्तर पर बीते 10 साल
प्रीति पाल (Preethi Pal) की बड़ी बहन नेहा ने मीडिया में दिए एक बयान में बताया था कि प्रीति (Preethi) शारीरिक रूप से सक्षम नहीं थी, वो चलते-चलते गिर जाती थी। वो आम बच्चों की तरह चल-फिर नहीं सकती थी। परिवार काफी परेशान था।
प्राकृतिक चिकित्सा से किया इलाज
नेहा के मुताबिक उनकी दादी ने प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए प्रीति को ठीक करने की बात कही, जिसके लिए प्रीति (Preethi) को करीब 10 साल तक गोबर में दबाया गया। इस दौरान प्रीति (Preethi) पूरी तरह बिस्तर पर ही रहती थीं। खाना-पीना और बाकी सभी काम प्रीति (Preethi) बेड पर ही करती थीं। पैरों में प्लास्टर लगा था, बिल्कुल भी जान नहीं थी। ऐसे में प्रीति (Preethi) को लोहे के जूते भी पहनाए गए। प्रीति (Preethi) से चला नहीं जाता था। कई बार तो वो गिर पड़ती थी, लेकिन उसकी हिम्मत नहीं टूटी और उसने कभी हार नहीं मानी। नतीजतन आज वो पैरालंपिक की डबल मेडलिस्ट है।
यूपी के मेरठ स्थित कसेरू बक्सर गांव में रहने वाली प्रीति (Preethi) ने शुरुआत में मेरठ की पैरालंपिक खिलाड़ी जैतून खातून की देखरेख में अभ्यास किया। बाद में वो कोच गजेंद्र सिंह गौरव त्यागी से ट्रेनिंग लेने लगी। बता दें कि भारत की युवा स्टार धाविका प्रीति पाल (Preethi Pal) ने 30 अगस्त को महिलाओं की 100 मीटर टी35 कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल (Bronze Medal) जीता था और फिर 1 सितंबर को 200 मीटर टी35 इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
Updated 19:25 IST, September 3rd 2024