Published 13:59 IST, December 2nd 2024
SundarKand: इस वक्त नहीं करना चाहिए सुंदरकांड का पाठ, वरना भुगतना पड़ सकता है...
Sundarkand Rules in Hindi: व्यक्ति को सुंदरकांड का पाठ किस वक्त नहीं करना चाहिए? जानते हैं इस लेख के माध्यम से...
इस वक्त नहीं करना चाहिए सुंदरकांड का पाठ | Image:
PNG bing/freepik
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Sundarkand Rules in Hindi: कहते हैं कि यदि सुंदरकांड का पाठ नियमित रूप से किया जाए तो इससे हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती ह। वहीं सुंदरकांड के पाठ से नकारात्मक ऊर्जाएं आसपास भी नहीं भटकती। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुंदरकांड का पाठ किस वक्त नहीं करना चाहिए।
अगर नहीं तो आज का हमारा लेख आपके लिए है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि सुंदरकांड का पाठ किस वक्त ना करें औऱ सुंदरकांड को करने के नियम क्या हैं। पढ़ते हैं आगे...
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सुंदरकांड का पाठ कब न करें?
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुंदरकांड का पाठ व्यक्ति को भूलकर भी रात के वक्त नहीं करना चाहिए। कुछ लोग रात के वक्त सोने से पहले अपने पास मोबाइल में सुंदरकांड चला कर रख लेते हैं या उसका पाठ करते हैं पर बता दें कि ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है। कहते हैं यदि रात के वक्त सुंदरकांड का पाठ किया जाए या कोई अन्य पूजा पाठ या अनुष्ठान किया जाए तो वह तांत्रिक श्रेणी में चला जाता है जो गृहस्थ व्यक्ति के लिए अशुद्धता के समान होता है। ऐसे में व्यक्ति को रात के वक्त कोई भी पूजा पाठ अनुष्ठान करने से बचना चाहिए। हालांकि रात के वक्त आप उन तिथियां की पूजा कर सकते हैं जिनका उल्लेख शास्त्रों में किया गया है जैसे करवा चौथ, दशहरा, दिवाली आदि पर्व।
- व्यक्ति को अमावस्या पर भी सुंदरकांड का पाठ नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि अमावस्या पितरों की होती है। ऐसे में अमावस्या के दिन सुंदरकांड करने से कोई फल प्राप्त नहीं होता है।
- इसके अलावा 13वीं पर भी सुंदरकांड नहीं किया जाता है। तेरहवी पर सुंदरकांड करने घर में संकट आ सकता है।
- सुंदरकांड का पाठ कभी भी आधा अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। कहते हैं इससे कोई फल प्राप्त नहीं होता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 13:59 IST, December 2nd 2024