Published 10:18 IST, September 28th 2024

Sarva Pitru Amavasya 2024: कब है सर्व पितृ अमावस्या? जान लें डेट, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Sarva Pitru Amavasya 2024: आइए जानते हैं कि इस साल सर्व पितृ अमावस्या किस दिन पड़ रही है।

सर्व पितृ अमावस्या 2024 | Image: Unspalsh
Advertisement

Sarva Pitru Amavasya 2024: हिंदू धर्म इस साल पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) की शुरुआत 17 सितंबर से हुई थी जिसका समापन 2 अक्टूबर को होगा। पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) के दिन ही होता है। सनातन धर्म में सर्व पितृ अमावस्या का बेहद खास महत्व है। सर्व पितृ अमावस्या हर साल आश्विन मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है।

पितृ पक्ष के दौरान पितर स्वर्ग लोक से धरती लोक पर आते हैं। इस दौरान पितरों का श्राद्ध व तर्पण किया जाता है। वहीं, सर्व पितृ अमावस्या के दिन लोग भारी संख्या में सभी पितरों का श्राद्ध कर्म करते हैं। अगर आप भी अपने पितरों का पिंडदान सर्व पितृ अमावस्या के दिन करना चाहते हैं तो आपको इसकी तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में जान लेना चाहिए।

Advertisement

सर्व पितृ अमावस्या 2024 तिथि (Sarva Pitru Amavasya 2024)

हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या हर साल आश्विन महीने की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है। इस साल आश्विन मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 1 अक्टूबर 2024 को सुबह 9 बजकर 34 मिनट से 2 अक्टूबर 2024 को रात 12 बाजकर 18 मिनट पर होगी। ऐसे में इस साल सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर 2024 के दिन मनाई जाएगी।

सर्व पितृ अमावस्या 2024 शुभ मुहूर्त (Sarva Pitru Amavasya 2024 Shubh Muhurat )

पंचांग के अनुसार 2 अक्टूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्या है। ऐसे में इस दिन कुतुप मुहूर्त सुबह सुबह 11 बजकर 45 से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पितरों का तर्पण किया जा सकता है। इसके अलावा रोहिण मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में भी तर्पण करना अति शुभ माना जाएगा।

Advertisement

सर्व पितृ अमावस्या तर्पण विधि (Sarva Pitru Amavasya 2024 Tarpan Vidhi)

  • सर्व पितृ अमावस्या के दिन पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान करें।
  • स्नान करने के बाद सफेद रंग के वस्त्र पहनकर सूर्य को अर्घ्य दें।
  • अब घर के मंदिर में दीप जलाएं।
  • इस दिन आप उपवास भी कर सकते हैं।  
  • अब एक पुजारी को बुलाकर विधि अनुसार पितरों का तर्पण करें।
  • इस दिन पूर्वजों का तर्पण करने के लिए दक्षिण दिशा में मुख करके बैंठे।
  • तर्पण अंगूठे और पहली उंगली के मध्य भाग से जल अर्पित करके किया जाता है।
  • इस दिन तर्पण के समय कुश, अक्षत, जौ और काले तिल का उपयोग करना चाहिए।
  • तर्पण करने के बाद पितरों के प्रार्थना मंत्र का जाप करें।
  • अंत में दान का कार्य करें और पितरों का आशीर्वाद मांगे। 

ये भी पढ़ें: Indira Ekashi Chalisa: इंदिरा एकादशी पर करें श्री विष्णु चालीसा का पाठ, हर कष्ट का होगा नाश!

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

10:18 IST, September 28th 2024