Search icon
Download the all-new Republic app:

पब्लिश्ड 20:25 IST, January 26th 2024

Sakat Chauth: सकट चौथ पर कैसे करें भगवान गणेश की पूजा, क्या हैं इसके नियम; जानें सब कुछ

Sakat Chauth साल का दूसरा त्योहार होने के साथ माताओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन पूजा की विधि और नियम भी कुछ अलग होते हैं।

क्या है सकट चौथ व्रत की पूजा विधि और नियम | Image: shutterstock

Sakat Chauth Puja Vidhi Aur Niyam: माताओं के लिए सकट चौथ का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन संतान की लंबी उम्र और खुशीहाल जीवन के लिए गणेश भगवान की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और निर्जला व्रत किया जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक यह हर साल माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है और इसकी पूजा विधि और नियम रोजाना किए जाने वाले पूजा-पाठ से अलग होते हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।

Sakat Chauth चौथ का पर्व इस साल 29 जनवरी 2024 दिन सोमवार को मनाया जा रहा है। इस दिन माताएं संतान की लंबी उम्र के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। तो चलिए जानते हैं इस दिन का नियम क्या है और किस विधि से गणपति महाराज की पूजा की जाती है।

Sakat Chauth पर इस विधि से करें पूजा

  • संकट चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूरे दिन निर्जल व्रत रखकर संपूर्ण शिव परिवार का पूजन करें।
  • सबसे पहले एक चौकी पर मिट्टी से बनी गणेश जी की प्रतिमा यानी मूर्ति को स्थापित करें और प्रतिमा का श्रृंगार करें।
  • इसके बाद गणेश जी को रोली, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान सुपारी, धूप, दीप अर्पित करें।
  • पूजा में ओम गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करते हुए नैवेद्य के रूप में तिल और गुड़ के बने हुए लड्डू भोग के रूप में अर्पित करें।
  • आखिरी में व्रत कथा पढ़कर आरती करें।
  • इसके बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूरा करें और फिर कुछ खाएं।

यह भी पढ़ें… Weight Gain: शादी के बाद क्यों बढ़ने लगता है लड़कियों का वजन? जान लीजिए कारण

क्या है Sakat Chauth का नियम?

  • सकट चौथ के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को निर्जल रहना चाहिए और गणेश जी पूजा के बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए।
  • चतुर्थी के दिन काले कपडों का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
  • सकट चौथ की रात चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल की छींटे पैरों पर नहीं गिरनी चाहिए। इससे बचने के लिए जल किसी हरे भरे पेड़ पौधों की जड़ में अर्पित करना चाहिए।
  • इस दिन गणपति बप्पा को भोग में तिलकुट का भोग लगाना शुभ होता है।
  • चतुर्थी पर गणेश जी की खंडित प्रतिमा की स्थापना या पूजा नहीं करनी चाहिए।
  • धार्मिक मान्यता के मुताबिक पूजा में भगवान गणेश को तुलसी दल या केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। 

यह भी पढ़ें… Sakat Chauth 2024: इस साल कब रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत? जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

अपडेटेड 20:25 IST, January 26th 2024

Recommended

Search icon
Home
Live TV
चुनाव
Quick
भारत
दुनिया
मनोरंजन
कारोबार
खेल
लाइफस्टाइल
वीडियो
वेब स्टोरीज
शोज
फोटो गैलरीज
शॉर्ट्स
टेक्नोलॉजी
धर्म और आध्यात्मिकता
वायरल
रक्षा
लेटेस्ट न्यूज़
प्रधान सेवक
Download the all-new Republic app: