Published 09:01 IST, November 12th 2024
Dev Uthani Ekadashi 2024: 'उठो देव बैठो देव...' इस स्तुति के बिना अधूरी है श्रीहरि की पूजा
Dev Uthani Ekadashi 2024 Geet: आज देशभर में देवउठनी एकादशी मनाई जा रही है। ऐसे में आप इस गीत को गाकर देव को उठा सकते हैं।
- धर्म और आध्यात्मिकता
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Dev Uthani Ekadashi 2024 Geet Lyrics: आज देव उठनी एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। आज के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। इस दौरान विष्णुजी की उठाने के लिए उनकी पूजा करने के साथ-साथ गीत भी गाए जाते हैं। कहते हैं आज के दिन विष्णु जी की प्रार्थना और स्तुति करने से श्रीहरि खुश होकर व्यक्ति का जीवन खुशहाली से भर देते हैं।
वहीं देवउठनी पर नीचे लिखे गए गीत को जरूर गाया जाता है। इस गीत के माध्यम से देवताओं को जागृत करने की प्रार्थना की जाती है, और उनके आशीर्वाद से घर में समृद्धि, सुख, शांति और खुशी का वास हो, ऐसा आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना की जाती है। इसे पारंपरिक रूप से देवउठनी एकादशी के दिन ही गाया जाता है। आइए जानते हैं कि ये गीत किस प्रकार से है।
देवउठनी एकादशी गीत (Dev Uthani Ekadashi 2024 Geet Lyrics)
उठो देव बैठो देव
हाथ-पाँव फटकारो देव,
उँगलियाँ चटकाओ देव,
सिंघाड़े का भोग लगाओ देव,
गन्ने का भोग लगाओ देव,
सब चीजों का भोग लगाओ देव॥
उठो देव बैठो देव,
उठो देव, बैठो देव,
देव उठेंगे कातक मोस,
नयी टोकरी, नयी कपास,
ज़ारे मूसे गोवल जा,
गोवल जाके, दाब कटा,
दाब कटाके, बोण बटा,
बोण बटाके, खाट बुना,
खाट बुनाके, दोवन दे,
दोवन देके दरी बिछा,
दरी बिछाके लोट लगा,
लोट लगाके मोटों हो, झोटो हो,
गोरी गाय, कपला गाय,
जाको दूध, महापन होए,
सहापन होए।
जितनी अम्बर, तारिइयो,
इतनी या घर गावनियो,
जितने जंगल सीख सलाई,
इतनी या घर बहुअन आई,
जितने जंगल हीसा रोड़े,
जितने जंगल झाऊ झुंड,
इतने याघर जन्मो पूत।
ओले क़ोले, धरे चपेटा,
ओले क़ोले, धरे अनार,
ओले क़ोले, धरे मंजीरा,
उठो देव बैठो देव।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 09:01 IST, November 12th 2024