Published 06:58 IST, November 12th 2024
Dev Uthani Ekadashi 2024: आज योग निद्रा से जागेंगे श्रीहरि, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Dev Uthani Ekadashi 2024: मंगलवार, 12 नवंबर को देव उठनी एकादशी मनाई जा रही है। आइए जानते हैं आज पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
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Dev Uthani Ekadashi 2024: हर साल कार्तिक माह की शुक्ल एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। जो कि इस साल आज यानी मंगलवार, 12 नवंबर के दिन मनाई जा रही है। भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी की तिथि को चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसके बाद फिर कार्तिक शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं।
इन चार महीनों में देव शयन की वजह से सभी तरह से शुभ व मांगलिक कार्य करने पर रोक लग जाती है। फिर देवउठनी एकादशी पर जब विष्णु जी निद्रा से जागते हैं, तब फिर से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। इसीलिए हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का बेहद खास महत्व है।
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पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी की शुरुआत 11 नवंबर की शाम 6 बजकर 42 मिनट से हो चुक है, जबकि इसका समापन 12 नवंबर को शाम 4:04 मिनट पर होगा। ऐसे में देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर 2024 को रखा जाएगा। आइए जानते हैं इस दिन के विशेष मुहूर्त के बारे में...
देवउठनी एकादशी पूजा मुहूर्त (Dev Uthani Ekadashi 2024 Puja Muhurat)
देव उठनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त स्नान सुबह 5 बजकर 8 मिनट से 5 बजकर 56 मिनट तक किया जा सकता है। इसके बाद स्नान, पूजन, दान समेत अन्य कार्य सुबह 6 बजकर 58 मिनट से दोपहर 1 बजकर 23 मिनट तक किए जा सकेंगे। ये सभी चीजें करने के बाद ही अन्य सभी शुभ मंगल कार्य भद्रा परिहार या शाम 4 बजकर 5 मिनट के बाद शुरू हो सकते हैं।
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इतना ही नहीं देव उठनी एकादशी के दिन सुबह से लेकर शाम तक पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं-
- चर - सामान्य, सुबह 09 बजकर 23 मिनट से सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक।
- लाभ - उन्नति, सुबह 10 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक।
- अमृत - सर्वोत्तम, दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 26 मिनट तक।
- शुभ - उत्तम, दोपहर 02 बजकर 47 मिनट से 04 बजकर 08 मिनट तक।
- लाभ - उन्नति, शाम 07 बजकर 08 मिनट से रात 8 बजकर 47 मिनट तक।
- शुभ - उत्तम, रात 10 बजकर 26 मिनट से रात 12 बजकर 06 मिनट (13 नवंबर) तक।
देवउठनी एकादशी पूजा-विधि (Dev Uthani Ekadashi 2024 Puja Vidhi)
- देवउठनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र पहनें।
- फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- पंचामृत से विष्णु जी का जलाभिषेक करें।
- पूजा में तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व होता है। इसलिए इन्हें पूजा में जरूर शामिल करें।
- इस दिन भगवान विष्णु को पीले फूल, पीतांबर वस्त्र, फल और मिठाई अर्पित करें।
- रात को जागरण करते समय व्रत की कथा सुनने के साथ-साथ श्रीहरि के नाम का भजन कीर्तन करें।
- फिर तुलसी दल सहित विष्णुजी को फल- केला, आंवला, अनार, सिंहाड़ा, सेब और पीले मिष्ठान के साथ खीर का भोग लगाएं।
- इसके बाद विष्णुजी की आरती गाएं और क्षमा प्रार्थना करें।
- अंत में भगवान को लगाए गए भोग को प्रसाद के रूप में सभी लोगों में वितरित करें।
देव उठनी एकादशी व्रत का पारण (Dev Uthani Ekadashi 2024 Vrat Paran)
बुधवार, 13 नवंबर के दिन सुबह 6 बजकर 42 मिनट से लेकर 8 बजकर 51 मिनट के बीच देव उठनी एकादशी व्रत का पारण करें।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
06:58 IST, November 12th 2024