Download the all-new Republic app:

Published 05:25 IST, November 10th 2024

Dev Deepawali 2024: देव दीपावली के दिन जरूर करें इस चालीसा का पाठ, बनी रहेगी सुख-समृद्धि

Dev Deepawali 2024 Vishnu Chalisa: देव दीपावली के शुभ अवसर पर आपको ये चालीसा जरूर पढ़नी चाहिए।

प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: X\PTI
Advertisement

Dev Deepawali 2024: हिंदू धर्म में सभी व्रत और त्योहारों का बेहद खास महत्व होता है। कुछ दिन पहले ही रोशनी का त्योहार दीपावली बहुत धूमधाम से मनाया गया था। दीपोत्सव के ठीक 15 दिन बाद दीपों का एक और त्योहार मनाया जाता है जिसे देव दीपावली कहा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली  (Dev Diwali ) मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है।  

हिंदू धर्म में देव दीवाली (Dev Deepawali 2024) बेहद खास त्योहार है। यह पर्व दीवाली के 15 दिन बाद मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का अंत किया था। जिसके बाद सभी देवी-देवताओं ने शिवजी का आभार प्रकट करने के लिए दीप जलाए थे, इसीलिए इसे देव दीपावली कहा जाता है।

Advertisement

इस साल देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाने वाली है। माना जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ और दान आदि करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में अगर आप किसी परेशानी या कष्ट से जूझ रहे हैं तो आपको इस दिन पूजा के दौरान विष्णु चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे आपको विष्णुजी समेत माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलेगा।

भगवान विष्णु की चालीसा (Vishnu Chalisa)

दोहा

Advertisement

विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय॥

चालीसा

Advertisement

नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥

सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत।
तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत॥

Advertisement

शंख चक्र कर गदा विराजे, देखत दैत्य असुर दल भाजे।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे॥

सन्तभक्त सज्जन मनरंजन, दनुज असुर दुष्टन दल गंजन।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन॥

पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण।
करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण॥

धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा।
भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा॥

आप वाराह रूप बनाया, हिरण्याक्ष को मार गिराया।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया, चौदह रतनन को निकलाया॥

अमिलख असुरन द्वन्द मचाया, रूप मोहनी आप दिखाया।
देवन को अमृत पान कराया, असुरन को छवि से बहलाया॥

कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया, मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया, भस्मासुर को रूप दिखाया॥

वेदों को जब असुर डुबाया, कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया।
मोहित बनकर खलहि नचाया, उसही कर से भस्म कराया॥

असुर जलन्धर अति बलदाई, शंकर से उन कीन्ह लड़ाई।
हार पार शिव सकल बनाई, कीन सती से छल खल जाई॥

सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी, बतलाई सब विपत कहानी।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी, वृन्दा की सब सुरति भुलानी॥

देखत तीन दनुज शैतानी, वृन्दा आय तुम्हें लपटानी।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी, हना असुर उर शिव शैतानी॥

तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे, हिरणाकुश आदिक खल मारे।
गणिका और अजामिल तारे, बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे॥

हरहु सकल संताप हमारे, कृपा करहु हरि सिरजन हारे।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे, दीन बन्धु भक्तन हितकारे॥

चाहता आपका सेवक दर्शन, करहु दया अपनी मधुसूदन।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन, होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन॥

शीलदया सन्तोष सुलक्षण, विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण।
करहुं आपका किस विधि पूजन, कुमति विलोक होत दुख भीषण॥

करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण, कौन भांति मैं करहु समर्पण।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई, हर्षित रहत परम गति पाई॥

दीन दुखिन पर सदा सहाई, निज जन जान लेव अपनाई।
पाप दोष संताप नशाओ, भव बन्धन से मुक्त कराओ॥

सुत सम्पति दे सुख उपजाओ, निज चरनन का दास बनाओ।
निगम सदा ये विनय सुनावै, पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै॥

इति श्री विष्णु चालीसा

ये भी पढ़ें: Dev Diwali 2024: कब है देव दीपावली? जानिए डेट, पूजा का शुभ मुहूर्त और सबकुछ

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

05:25 IST, November 10th 2024