Published 06:33 IST, November 6th 2024

Chhath Puja 2024 Day 2: छठ पूजा का दूसरा दिन 'खरना' आज, जानिए इसका महत्व और पूजा का समय

Chhath Puja 2024 Kharna: आज छठ पूजा का दूसरा दिन खरना है। जान लीजिए कि आज के दिन क्या-क्या होता है।

छठ पूजा का दूसरा दिन 'खरना' | Image: Freepik
Advertisement

Chhath Puja 2024 Day 2 Kharna: देशभर में छठ पूजा ( Chhath Puja) का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत 'नहाय खाय' के साथ मंगलवार, 5 नवंबर से हो चुकी है। आज यानी बुधवार, 6 नवंबर को इसका दूसरा दिन 'खरना' है। छठ पर्व से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। हालांकि इस त्योहार को मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है।

इस महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा किए जाने का विधान है। माना जाता है कि छठ का व्रत महिलाएं संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और उसकी सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। आइए जानते हैं कि छठ पूजा के दूसरे दिन यानी कि 'खरना' में क्या-क्या होता है।

Advertisement

खरना में होता है क्या-क्या? (What is Kharna?)

छठ पूजा के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है। जो कार्तिक शुक्ल पंचमी के दिन पड़ता है। इस दिन व्रती निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह प्रसाद मुख्य रूप से गुड़ से बनी खीर और रोटी का होता है। खरना के बाद व्रती 36 घंटे तक निर्जला उपवास का संकल्प लेते हैं। इसके बाद वह अन्न या जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं करते हैं।

खरना पूजा का शुभ समय (Kharna puja ka muhurat)

वहीं खरना पूजा के शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो आप आज शाम 5 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 48 मिनट तक किसी भी समय खरना पूजन कर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। इसके अलावा आप इन मुहूर्तों में भी पूजा कर सकते हैं।

Advertisement

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04 बजकर 52 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक।

गोधूलि मुहूर्त : शाम 05 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 58 मिनट तक।

Advertisement

निशिता मुहूर्त : रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 07 नवंबर रात 12 बजकर 31 मिनट तक।

खरना का महत्व (Importance of Kharna)

छठ पूजा में खरना के दिन का विशेष महत्व होता है। इस दिन छठी मैया की पूजा की जाती है। कार्तिक माह की पंचमी तिथि को खरना के दिन महिलाएं शाम को गुड़ की खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करके 36 घंटे का बिना अन्न-जल ग्रहण किए उपवास शुरू कर देती हैं। यह दिन आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। खरना के दिन ही ठेकुआ, खीर,लड्डू, गेहूं का पेठा समेत विशेष प्रसाद बनाए जाते हैं। इसलिए छठ महापर्व में इस दिन का बेहद खास महत्व है। 

Advertisement

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: छठ महापर्व शुरू, जानिए पूरे 4 दिनों का कार्यक्रम

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

06:33 IST, November 6th 2024