OPINION

Published 11:06 IST, September 14th 2024

अरविंद केजरीवाल को आधी अधूरी 'आजादी', हरियाणा चुनाव में किसको संजीवनी?

केजरीवाल के बेल के बाद कांग्रेस की सीटों में कमी आ सकती है। आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगाएगी, जिससे बीजेपी को फायदा हो सकता है।

dheeraj
Dheeraj Singh
Follow: Google News Icon
  • share
केजरीवाल की बेल से किसे फायदा? | Image: PTI
Advertisement

केजरीवाल को जमानत मिलना कोई बड़ी बात नहीं है। कई नेताओं पर इससे पहले भी आरोप लगे, वो सलाखों के पीछे रहे और एक वक्त ऐसा आया कि उन्हें जमानत भी मिली। आम आदमी पार्टी में ही ऐसे कई नेता हैं जो बेल पर हैं, लेकिन केजरीवाल के बेल पर आम आदमी पार्टी के नेताओं में, कार्यकर्ताओं में, ऐसा जुनून दिखा... लगा कोई शादी हो रही है और बारात तिहाड़ से 'शीशमहल' तक जानी है, लेकिन हकीकत ये है कि हर पार्टी के नेता के जेल से छूटने पर ऐसा ही होता रहा है। सियासतदान अपने मुखिया के जेल से छूटने का इवेंट बनाते रहे हैं। ऐसा ही आम आदमी पार्टी ने अपने नेता के लिए किया। ये अलग बात है कि केजरीवाल की रिहाई के वक्त पूरी दिल्ली जाम हो गई। लोगों को ट्रैफिक से दो-चार होना पड़ा। 

बहरहाल 177 दिन बाद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आए तो फिर वही रटे रटाए डायलॉग की स्क्रिप्ट सामने थी और कार्यकर्ता जश्न में डूबे हुए थे। पार्टी दफ्तर से लेकर केजरीवाल के घर तक उत्सव का माहौल दिखा, लेकिन इस उत्सव के पीछे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में मायूसी भी दिखी, खिले चेहरे में निराशा दिखी। वो इसलिए कि अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर तो आ गए, लेकिन केजरीवाल दिल्ली के नाम के सीएम रह गए। वजह है सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है। 

Advertisement

केजरीवाल को सशर्त जमानत!

1- CM कार्यालय, दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे
2- सरकारी फाइलों पर दस्तखत नहीं करेंगे
3- केस में अपनी भूमिका पर बयान नहीं देंगे
4- केस से जुड़े किसी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे
5- शराब घोटाला केस से जुड़ी फाइल नहीं देखेंगे
6- सुनवाई की तारीख पर ट्रायल कोर्ट में रहना होगा

ऐसे में केजरीवाल को जमानत तो मिल गई लेकिन सिर्फ और सिर्फ पार्टी के चुनाव प्रचारक के तौर पर। 5 अक्टूबर को हरियाणा में चुनाव है। उसके पहले केजरीवाल को बेल मिलने से जहां आम आदमी पार्टी जश्न मना रही है। वहीं कांग्रेस के कलेजे पर सांप लोट रहा है। 

Advertisement

सूत्रों की माने तो इस बार कांग्रेस हरियाणा के कुल 90 सीट में से 70 सीटों पर जीत हासिल कर सकती थी लेकिन केजरीवाल के बेल के बाद कांग्रेस की सीटों में कमी आ सकती है, उसके पीछे वजह साफ है हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन नहीं है और ऐसा माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगाएगी, जिससे बीजेपी को फायदा हो सकता है। यही वजह है कि कांग्रेस केजरीवाल की जमानत पर मौन है। बीजेपी केजरीवाल का विरोध तो कर रही है लेकिन उसे भी पता है कि केजरीवाल की रिहाई से बीजेपी को हरियाणा चुनाव में फायदा मिल सकता है।

हरियाणा विधानसभा- 2019  

पार्टी       सीट 
BJP -      41
CONG-  30 
JJP-      10 
INL-      01
HLP-     01
OTH-    07

Advertisement

अब हरियाणा चुनाव में किसको फायदा होगा और किसे नुकसान ये तो 8 अक्टूबर को पता चलेगा, लेकिन केजरीवाल की रिहाई पर इतना जरूर है कि जो लोग कल तक पीएम के साथ सीजेआई की तस्वीरें आने पर सवाल उठा रहे थे, वही लोग अब संविधान की दुहाई दे रहे हैं। बता रहे हैं कि देश में लोकतंत्र जिंदा है। ऐसे में साफ है कि सियासदान कोई भी हो सभी मतलब के हिसाब से हर कुछ गुणाभाग करते हैं और मतलब के हिसाब से बयानबाजी करते आ रहे हैं। ऐसे में सवाल ये है कि क्या राजनेता अपने स्वार्थ के लिए जी रहे हैं या हर मुद्दे पर सियासत की आग में झोंकना चाहते हैं, जिससे सत्ता की मलाई खाते रहें।

11:06 IST, September 14th 2024