Published 11:20 IST, December 13th 2023
3 राज्यों में 12 नए चेहरे, BJP ने मिशन 2024 को दी धार, आदिवासी-OBC-सवर्ण CM का क्या है फॉर्मूला?
Mission 2024: बीजेपी ने 3 राज्यों में अपने सीएम का ऐलान कर दिया है। माना जा रहा है कि मिशन 2024 के लिए बीजेपी ने अपनी नींव रख दी है।
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Mission 2024: बीजेपी (BJP) ने 3 राज्यों में 3 नए सीएम (CM) का ऐलान करके सबको चौंका दिया है। छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में दिग्गजों को साइड करके नए चेहरों को राज्य की कमान सौंपी गई है। माना जा रहा है कि ये मिशन 2024 को साधने के लिए बीजेपी की रणनीति का एक हिस्सा है। आपको बता दें कि बीजेपी ने तीनों राज्यों में अलग-अलग डिप्टी सीएम भी बनाए हैं और साथ ही उन राज्यों के लिए स्पीकर का भी ऐलान कर दिया गया है। अगर आप गौर करेंगे तो सीएम और डिप्टी सीएम के चुनाव में बीजेपी ने आदिवासी-ओबीसी-सवर्ण सीएम का ऐसा सटीक फॉर्मूला लगाया है, जो सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास का एक जीता-जागता उदाहरण है।
स्टोरी की खास बातें
- मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी का फॉर्मूला
- 3 राज्यों के जरिए मिशन 2024 को साधने की कोशिश
- बीजेपी के तीनों राज्यों के समीकरण के बारे में जानिए सबकुछ
मध्य प्रदेश में सीएम और डिप्टी-सीएम के चुनाव का समीकरण
मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सीएम बनाया गया है। वो ओबीसी समुदाय से हैं। इसके जरिए बीजेपी ने ओबीसी समुदाय का वोट अपने खेमे में करने की कोशिश की है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 48 प्रतिशत आबादी ओबीसी समुदाय की है, जिसके कारण 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को काफी फायदा हो सकता है। वहीं, यादव समाज की बात करें मोहन यादव को सीएम बनाकर बीजेपी ने ये भी दिखाने की कोशिश की है कि वो लालू यादव और मुलायम सिंह यादव की तरह परिवारवाद की राजनीति नहीं करती, बल्कि उनके लिए सभी कार्यकर्ता एक समान हैं और इसका जाति से कोई लेना-देना नहीं है।
अब बात करते हैं डिप्टी सीएम की। मध्य प्रदेश में राजेंद्र शुक्ला (ब्राह्मण) और जगदीश देवगौड़ा (एससी वर्ग) को डिप्टी सीएम और नरेंद्र तोमर (राजपूत) को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने सबका साथ-सबका विकास का उदाहरण भी पेश किया है और इसके जरिए तीन अलग-अलग समुदायों को अपने खेमे में कर लिया है।
राजस्थान में क्या थी बीजेपी की रणनीति?
राजस्थान में 33 साल बाद फिर एक ब्राह्मण की सीएम बनाकर बीजेपी ने इस वर्ग को भी खुश कर दिया है। इससे केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के ब्राह्मण को भी अपने खेमे में करने की रणनीति बताई जा रही है। राजस्थान में दो डिप्टी सीएम यानी राजपूत समाज की दीया कुमारी और एससी समाज के प्रेमचंद बैरवा के जरिए बीजेपी ने एससी समुदाय यानी दलितों को भी साधने की कोशिश की है, जो लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए पॉजिटिव रिजल्ट लाने में काफी अहम साबित हो सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने आदिवासी नेता को सौंपी कमान
बीजेपी ने राजपूत, ब्राह्मण और ओबीसी-एससी वर्ग को तो खुश कर दिया। इसके साथ ही पार्टी ने आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ की कमान सौंपकर आदिवासी बाहुल्य इलाकों यानी 34 प्रतिशत आबादी में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है। इसके लिए बीजेपी ने दलितों और आदिवासियों को भी अपने खेमे में कर लिया है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ तो सिर्फ शुरुआत है, असल में बीजेपी ने देश के हर आदिवासी बाहुल्य राज्यों को मैसेज पहुंचाया है कि बीजेपी उनकी भी पार्टी है।
Updated 11:20 IST, December 13th 2023