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Published 17:20 IST, January 8th 2024

मिसाइल में ईंधन की जगह पानी... चीनी राष्ट्रपति की हालत ऐसी, जिसे छुआ वो मिट्टी हो गया

China News: मिसाइलों में ईंधन के बजाय पानी भरा हुआ था और चीन के नए बैलिस्टिक मिसाइल क्षेत्रों में कई साइलो में हैच थे।

Reported by: Kunal Verma
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चीनी राष्ट्रपति XI Jinping पर US के आरोप | Image: ANI

America-China News: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बारे में कहा जाता है कि वह जो कुछ भी छूते थे, वह चीन के लाभ के लिए सोने में बदल जाता था। हालांकि, हालात अब बदल गए हैं। अब वो जो भी छूते हैं, वो मिट्टी में बदल जाता है। असल में, चीन की हालत इस वक्त ऐसी हो गई है कि बस चारों तरफ से वो घिरा हुआ नजर आ रहा है। हाल ही में मिसाइलों में ईंधन की जगह पानी मिलने के दावे ने इसे काफी हद तक सही साबित किया है।

स्टोरी की खास बातें

  • मिसाइलों में ईंधन की बजाय पानी मिलने के दावे
  • नए बैलिस्टिक मिसाइल क्षेत्र के कई साइलो में मिले हैच
  • अमेरिका और बाकी दुनिया के भी निशाने पर चीन

मिसाइलों में ईंधन की बजाय पानी मिलने के दावे

अमेरिका के साथ मुकाबला, चीनी नागरिकों में गुस्सा, मिलिट्री की हालत खराब और भ्रष्टाचार जैसे कई मुद्दे हैं, जिसपर चीन की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। ताइवान ने तो साफ-साफ चीन के सेल्फ-सेंटर्ड पॉलिसी के सामने घुटने टेकने से मना कर दिया है। 7 जनवरी को ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में भी खुलासा किया गया कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी भ्रष्टाचार में डूब गई है, जो मिसाइलों में ईंधन की जगह पानी मिलने के बाद और भी स्पष्ट हो गया है।

सवाल ये है कि सॉलिड फ्यूल्ड चीनी मिसाइलों में आखिर पानी कैसे भरा हो सकता है? रिपोर्ट में कई संभावनाओं को बताया गया है, जिसमें से एक पोस्ट-बूस्ट व्हीकल भी है, जो अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों के नष्ट होने के बाद लक्ष्य बनाकर हथियार छोड़ते हैं, जो तरल हाइपरगोलिक प्रणोदक से भरे होते हैं।

अमेरिका ने लगाए हैं आरोप

अमेरिका द्वारा लगाए गए ये कथित मिसाइल मुद्दे सच हैं या नहीं, ये तो वक्त आने पर ही पता लगेगा। हालांकि, इसके आगे जिनपिंग का सफर कितनी मुश्किलों से भरा होगा, ये चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ जिनपिंग अपनी आर्मी से युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहते हैं, लेकिन उन आह्वानों को अनसुना कर दिया जा रहा है। अमेरिकी सेना प्रशांत के कमांडर जनरल चार्ल्स फ्लिन ने पिछले दिसंबर में वर्जीनिया में अनियमित युद्ध फोरम में कहा था कि चीन बहुत, बहुत खतरनाक रास्ते पर है। PRC का तत्काल लक्ष्य केवल ताइवान पर कब्जा करने के लिए परिचालन वातावरण तैयार करना है। ऐसे में देखना है कि चीन अभी और कितने खराब स्थिति में जा सकता है।

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Updated 17:20 IST, January 8th 2024

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