पब्लिश्ड 08:40 IST, August 3rd 2024
Wayanad Landslide: वायनाड में सर्च ऑपरेशन चौथे दिन भी जारी, मरने वालों की संख्या 308; कई लापता
वायनाड में सर्च ऑपरेशन आज (शनिवार) चौथे दिन भी जारी है, अब तक इस भीषण त्रासदी से लगभग 309 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, बड़ी संख्या में अब भी लोग लापता हैं।
- भारत
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Search Operation in Wayanad : कॉलम कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राहुल ने वायनाड में राहत और बचाव अभियान को लेकर जानकारी दी, साथ ही उन्होंने कहा कि, 'सर्च ऑपरेशन आज (शनिवार) चौथे दिन भी जारी है, वहीं कल JCB की मदद से मलबा हटाया गया है, हमारे साथ डॉग स्कॉयड भी मौजूद है। इसके अलावा आर्मी, SOG, IRW आदि के साथ मिलकर हम मलबा हटाकर शवों को निकाल रहे हैं।'
केरल के वायनाड में आए विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, अब तक इस भीषण त्रासदी से लगभग 309 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, बड़ी संख्या में अब भी लोग लापता हैं। लोग अपनों की तालाश में भटक रहे हैं तो कई लोग अस्पताल में जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं। कुदरत के कहर के बाद तबाही का जो मंजर है वो भी भयावह है।
मलबे से अभी मिल रहे शरीर के अंग
वायनाड के चार गांव लगभग पूरी से तरह से मिट्टी में मिल गए हैं। इन गावों के मंजर आपके रूह को कंपा देगा। मलबे के अंदर से मानव शरीर के अंग मिल रही है। कहीं, मिट्टी में लिपटी हुई पूरे परिवार की फोटो फ्रेम तो कहीं, बिखरे खिलौने। ना जानें कई ऐसी चीजें मलबे से निकल रही है त्रासदी के पहले की कहानी बता रही है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी और बचाव अभियान चौथे दिन भी जारी है। वहीं, स्थानीय प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन भी अभी तक जारी है।
ये आपदा केरल की सबसे भीषण आपदाओं में से एक
केरल में आई सबसे भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक वायनाड लैंडस्लाइड के मलबे में दबे शवों और संभावित जीवित लोगों को निकालने के लिए लगातार काम चल रहा है। वायनाड भूस्खलन हादसे के बाद व्यवसायी, मशहूर हस्तियां और संस्थाएं मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में लाखों-करोड़ों रुपये दान देने में जुटी हैं। इस बीच, पीड़ितों की मदद के लिए चाय की दुकान चलाने वाली एक बुजुर्ग महिला भी आगे आई है।
कोल्लम जिले के पल्लीथोट्टम निवासी सुबैदा अपना और अपने पति का पेट पालने के लिए एक छोटी सी चाय की दुकान चलाती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (CMDRF) को 10 हजार रुपये दान किए हैं।
सेना ने बेली ब्रिज का किया निर्माण
सेना द्वारा 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने के बाद खोज अभियान में तेजी आने के बीच बचाव दलों ने शुक्रवार को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मोबाइल फोन से मिली लास्ट लोकेशन समेत जीपीएस निर्देशांकों और ड्रोन तस्वीरों का इस्तेमाल करके मलबे में फंसे लोगों की तलाश की।
मानव-पशु द्वारा सांस लेने का मिला संकेत
वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांव में उन्नत रडार प्रणाली के साथ खोज अभियान चला रहे बचावकर्मियों को किसी मानव या पशु द्वारा सांस लेने का संकेत मिला है। अभियान में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि बुरी तरह प्रभावित मुंडक्कई गांव में एक घर की तलाशी के दौरान रडार पर नीला सिग्नल मिला था। अधिकारी ने कहा, ‘‘किसी के लगातार सांस लेने का संकेत मिल रहा है।’’ हालांकि, शुक्रवार शाम को खोज अभियान कुछ समय के लिए रोका गया, क्योंकि बचावकर्मियों ने निष्कर्ष निकाला कि मलबे के नीचे किसी व्यक्ति की मौजूदगी की संभावना नहीं है।
लोगों की तलाश जारी- मुख्यमंत्री पिनराई
देर शाम फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि लोगों की तलाश जारी है, रडार पर छोटी-सी हलचल का पता चला है, जिससे उम्मीद की किरणें दिख रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ध्वस्त इमारत के मलबे के बीच, बचावकर्मी अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं और बचे हुए लोगों को खोजने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। ’
वायनाड जिले के मुंडक्कई क्षेत्र में भूस्खलन के तीन दिन बाद बचावकर्मियों ने शुक्रवार को एक ही परिवार के चार लोगों को पदवेट्टी कुन्नू के निकट एक इलाके में सुरक्षित पाया। भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 308 हो गई है जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
अपडेटेड 08:42 IST, August 3rd 2024