Published 20:55 IST, September 5th 2024
बच्चे की मौत पर बहराइच में बरपाया कहर, अब कौशांबी में भेड़ियों के सरदार को मार डाला; तो क्या...?
अब बड़ा खतरा ये है कि भेड़िए अपने साथी की मौत का बदला लेंगे इस बात को लेकर ग्रामीणों में दहशत है।
उत्तर प्रदेश में बहराइच, सीतापुर, बाराबंकी सहित कई जिले आदमखोर भेड़िए की दहशत से परेशान हैं। अब कौशांबी में भी भेड़िए का खौफ नजर आने लगा है। हालांकि कौशांबी में भेड़िए ने ढाई साल के बच्चे को शिकार बनाना चाहा लेकिन बच्चे के रोने के बाद लोग जाग गए और आनन-फानन में भेड़िया बच्चे को छोड़कर फरार हो गया। कौशांबी के नेवारी गांव में आदमखोर से निपटने के लिए ग्रामीणों ने नया हथकंडा अपनाया। कुछ ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाकर आदमखोर भेड़िए को चारों ओर से घेर लिया एक भेड़िए को लाठी-डंडों से पीटकर उसकी हत्या कर दी। अब बड़ा खतरा ये है कि भेड़िए अपने साथी की मौत का बदला लेंगे इस बात को लेकर ग्रामीणों में दहशत है। ऐसी ही कहानी हम बहराइच के लंगड़े भेड़िए के बारे बता चुके हैं कि कैसे उसने अपने बच्चे की मौत का बदला लेने के लिए ग्रामीणों को शिकार बनाया।
गुरुवार (5 सितंबर) की सुबह जब जंगली जानवरों का झुंड आया तो ग्रामीणों ने लाठी-डंडा लेकर घेर लिया। और जानवर को दौड़ा-दौड़ा लाठियों से पीटा। ग्रामीण जानवर को तब तक पीटते रहे जब तक उसकी मौत नही हो गयी। इसकी जानकारी होने पर वन विभाग की टीम गांव पहुची है और मृत जानवर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। हालांकि वन विभाग कर्मियों ने भी अभी तक ये नही बताया है कि ये जानवर भेड़िया है, या फिर कोई दूसरा जंगली जानवर है। लोगो के दिलो में अभी भी भेड़िया को लेकर दहशत है। हालांकि बाद में वन विभाग के कर्मियों ने बताया कि ये भेड़िया नहीं सियार है।
दुश्मन से बदला लेना नहीं भूलते हैं भेड़िए
भेड़ियों का स्वभाव होता है कि वो अपने दुश्मन से बदला लेना कभी नहीं भूलते हैं। जैसा कि हम बहराइच के मामले में देख रहे हैं कि एक्सपर्ट्स के दावों के मुताबिक लंगड़े भेड़िए के शावक किसी गाड़ी के नीचे कुचलकर मर गए थे और फिर उसने किस तरह से पूरे इलाके के 35 गांवों का मुआयना कर अपने दुश्मनों को चिन्हित किया और फिर बारी-बारी से उन पर हमले किए। बहराइच के वन विभाग कहना है कि जनवरी-फरवरी 2024 में भेड़ियों के 2 बच्चों की मौत हो गई थी। जिन्हें एक ट्रैक्टर ने कुचल दिया। इसके बाद मार्च के महीने से उस इलाके में भेड़ियों का हमला शुरू हो गया।
जौनपुर और प्रतापगढ़ में भी भेड़ियों ने बदले की आग में मार डाले थे कई बच्चे
बहराइच के उदाहरण को छोड़कर अगर हम अब से लगभग 20-25 साल पहले की बात करें तो उत्तर प्रदेश के जौनपुर और प्रतापगढ़ जिलों में भेड़ियों ने ऐसे ही बदले की आग में 50 से ज्यादा बच्चों को मार डाला था। उस समय भी जब गहराई से मामले की केस स्टडी की गई तो खुलासे में पता चला था कि कुछ बच्चों ने पहले भेड़ियों के दो बच्चों को मार डाला था, जिसके बाद भेड़ियों ने बदला लेने के तहत उस इलाके कई बच्चों को मार डाला था। भेड़िए स्वभाव से बहुत ही चालाक होते हैं और उनके सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है वो अपने दुश्मन को उसकी गंध से ही कई किलोमीटर दूर से पहचान लेते हैं।
बहराइच में लंगड़े भेड़िए का इंतकाम
एक्सपर्ट्स की मानें तो बहराइच जिले में भेड़िए के हमले को लेकर उन्होंने बताया कि स्थानीय इलाकों के खेतों में भेड़ियों के जो फुटप्रिंट मिले उससे एक बात साफ पता चलती है कि इसमें से एक भेड़िया लंगड़ा है। लंगड़ा होने की वजह से वो अपना शिकार नहीं कर पा रहा था। ऐसे में उसे आसान शिकार के तौर पर इंसानी बच्चे ज्यादा आसानी से मिल जाते थे। जिसकी वजह से उसने अपने शिकार के लिए इंसानी बच्चों की तलाश शुरू कर दी। अब बड़ा सवाल ये है कि भेड़ियों के झुंड ने बहराइच के इस खास इलाके को टारगेट क्यों किया तो उसकी पीछे की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है।
इंतकाम की आग में आदमखोर भेड़िए ने चुन-चुन के लिया बदला
बहराइच के तराइन इलाके में लंगड़ा भेड़िया और उसके साथ कई भेड़ियों का झुंड रहता था। लंगड़े भेड़िये को स्थानीय लोगों ने भी देखा था वो कभी किसी इंसान को अपना टारगेट नहीं बनाता था। स्थानीय लोगों ने बताया कि लंगड़ा भेड़िया कद काठी में काफी बड़ा और मजबूत था बाकी सब भेड़िए कुछ छोटे आकार के थे। लंगड़ा भेड़िया और उसके साथी आदमखोर कैसे बने इसके पीछे एक बड़ी घटना है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो भेड़िए के बच्चों को ट्रक ने कचल दिया था। फिर इसके बाद लंगड़े भेड़िए ने अपनी सूंघने की शक्ति से उसके बच्चे को मारने वाले लोगों को पहचान लिया। इन लोगों की पहचान के लिए उसने पूरे गांव का मुआयना किया और चुन-चुन कर अपने दुश्मनों से बदला लिया।
Updated 20:55 IST, September 5th 2024