पब्लिश्ड 20:27 IST, January 10th 2025
दिल्ली पहुंच CM योगी ने PM मोदी से की मुलाकात, प्रयागराज महाकुंभ में आने का दिया न्योता, कहा- आपके मार्गदर्शन में...
13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाले प्रयागराज महाकुंभ में इस साल 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। CM योगी ने PM मोदी को भी न्योता दिया।
- भारत
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Mahakumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ-2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को कसर नहीं छोड़ रही है। महाकुंभ में दुनिया भर के 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु भारत की धार्मिक परंपराओं, जन आस्था, सौहार्द और संस्कृति की झलक देखेंगे। कुंभ जैसा महा मेला सदियों से हमारी संस्कृतियों को एक सूत्र में बांधे हुए है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर प्रयागराज महाकुंभ-2025 का निमंत्रण दिया। 13 जनवरी से शुरू होने वाला सनातन का यह महा मेला 26 फरवरी तक चलने वाला है। सीएम योगी ने पीएम से मुलाकात की फोटो X पर पोर्ट कर लिखा- 'आपके मार्गदर्शन और प्रेरणा से सनातन गर्व का प्रतीक महाकुंभ-2025, प्रयागराज आज अपने दिव्य, भव्य और डिजिटल स्वरूप से दुनिया को 'नए भारत' का दर्शन करा रहा है।'
12 किलोमीटर का घाट तैयार
महाकुंभ मेले में स्नान के लिए 12 किलोमीटर के क्षेत्र में घाटों का निर्माण किया गया है। सभी घाटों पर रोशनी की व्यवस्था और सीढ़ियां तैयार की जा रहीं हैं। श्रद्धालुओं के कपड़े बदलने के लिए भी अलग से कक्ष बनाए गए हैं। मेला अधिकारी अभिनव पाठक ने बताया कि संगम क्षेत्र के प्रमुख घाटों को नए सिरे से विकसित किया गया है। महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना के किनारे सात पक्के घाट बनाए गए हैं। इनमें दारागंज में गंगा नदी के किनारे बने 110 मीटर लंबे और 95 मीटर चौड़े दशाश्वमेध घाट पर बैठने की व्यवस्था, चेंजिंग केबिन, पार्किंग, यज्ञशाला, आरती स्थल और ध्यान केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र
उत्तर प्रदेश पुलिस ने लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में 10 अत्याधुनिक डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए हैं। इन केंद्रों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए प्रतीक्षा कक्ष और चिकित्सा कक्ष शामिल हैं। परिवारों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से जलपान क्षेत्र की व्यवस्था की गई है।
लापता श्रद्धालुओं की आसान पहचान के लिए उनकी तस्वीरें और जानकारी 55 इंच की LED स्क्रीन पर प्रसारित किए जाएंगे और सभी केंद्र आधुनिक संचार नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। इसके लिए फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर भी जानकारी साझा की जाएगी। डिजिटल केंद्र लापता बच्चों, मोबाइल फोन, पर्स और अन्य सामानों को खोजने में सहायता करेंगे। संगम पर निगरानी के लिए ‘वॉच टावर’ भी लगाए जा रहे हैं।
(भाषा इनपुट के साथ)
अपडेटेड 20:56 IST, January 10th 2025