Published 23:48 IST, December 28th 2024
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के लिए Indian Railways की बड़ी तैयारी, उत्तर रेलवे 13,000 से ज्यादा ट्रेनों का करेगा संचालन
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के लिए भारतीय रेलवे खास तौर पर उत्तर मध्य रेलवे ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है।
- भारत
- 3 min read
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के लिए भारतीय रेलवे खास तौर पर उत्तर मध्य रेलवे ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। इस पवित्र आयोजन के दौरान, रेलवे का उद्देश्य लाखों श्रद्धालुओं को सुगम, सुरक्षित और कुशल यात्रा सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंचकर इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बन सकें।
इसको देखते हुए महाकुंभ 2025 के दौरान उत्तर मध्य रेलवे 13,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन करेगा। इन ट्रेनों में 10,000 से अधिक नियमित गाड़ियां यात्रियों की सेवा में होंगी। इसके अलावा, 3,000 से अधिक विशेष गाड़ियां चलाई जाएंगी। विशेष ट्रेनों में 2000 आउटवर्ड गाड़ियां होंगी (जिन्हें आयोजन से बाहर जाने के लिए संचालित किया जाएगा), जबकि 800 इनवर्ड गाड़ियां (वापसी की यात्रा के लिए) होंगी।
तीर्थयात्रियों को मिलेगी सुविधा
महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रिंग रेल मेमू सेवा शुरू की जाएगी। यह सेवा अयोध्या, काशी और चित्रकूट जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा को सहज और सुगम बनाएगी। तीर्थयात्रियों को इस सेवा के माध्यम से बिना किसी परेशानी के सीधी यात्रा का अनुभव मिलेगा। महाकुंभ 2013 में भारतीय रेलवे ने कुल 1,122 विशेष गाड़ियों का संचालन किया था, जबकि महाकुंभ 2025 के लिए विशेष गाड़ियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है, जिससे यात्रियों को और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ज्यादा ठहराव
महाकुंभ 2025 के दौरान भीड़ भाड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए, 23 जोड़ी (कुल 46 ट्रेनों) को प्रयागराज और नैनी जंक्शन पर अतिरिक्त ठहराव दिया जाएगा। यह पहल तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक और आरामदायक बनाएगी। साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है। (Kumbh mela Prayagraj 2025) जिसमें लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। संगम नगरी में कुंभ मेला 13 जनवरी, 2025 से शुरू होगा जो 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। आपको बता दें कि 45 दिन तक चलने वाले कुंभ स्नान का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कलश से अमृत 12 जगहों पर गिरा था। इनमें 4 स्थान धरती पर और 8 स्वर्ग में थे। पृथ्वी के चार स्थान प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक हैं। प्रयागराज में लगने वाला कुंभ महाकुंभ है जिसका संयोग 144 साल पर बनता है। हिन्दू धर्म के अनुयायियों का मानना है कि कुंभ मेले में स्नान करने से पिछले सारे पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Updated 23:48 IST, December 28th 2024