पब्लिश्ड 22:17 IST, January 12th 2025
महाकुंभ में परमाणु हमले से भी निपटने की तैयारी, अभेद्य किले में तब्दिल प्रयागराज; जल, थल और नभ में कई लेयर सुरक्षा
दुनिया के सामने प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक जड़ों का प्रदर्शन के लिए प्रयागराज तैयार है। जितना विशाल ये आयोजन है, उतने ही पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम भी हैं।
- भारत
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Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है। प्रयागराज में संगम की रेती पर लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा यानी महाकुंभ सोमवार को पौष पूर्णिमा के विशेष शुभ अवसर पर पहले प्रमुख स्नान अनुष्ठान के साथ शुरू हो जाएगा। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर होने वाले आस्था के इस महा आयोजन में अगले 45 दिनों के दौरान अध्यात्म के अनेक रंग बिखरेंगे। इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है।
महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में सुरक्षा सुनिश्चित करना एक जटिल और बहुस्तरीय प्रक्रिया है। श्रद्धालुओं की उपस्थिति और आयोजन की विशालता को देखते हुए सरकार और स्थानीय प्रशासन ने व्यापक तैयारी कर रखी है। दुनिया भर से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल, थल और नभ में बेहद पैनी नजर रखी जा रही है। यूपी पुलिस के जवानों के अलावा PAC, NDRF, SDRF और NSG कमांडो के साथ-साथ खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं।
परमाणु हमले से भी निपटने की तैयारी
महाकुंभ में पाकिस्तान थ्रेट और दूसरे विदेशी खतरों को लेकर खास इंतजाम किए हैं। RPF DG मनोज यादव ने तैयारियों को लेकर कहा कि ‘RPF ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। भारत के हर कौने से RPF के कर्मियों को बुलाया गया है। RPF जवानों को आपदा प्रबंधन की विशेष ट्रेनिंग दी गई है और हम हर चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’
RPF ने CRPF और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ समन्वय किया है और रिहर्सल भी किया है। महाकुंभ में कई आतंकियों की धमकी भी आई है। RPF DG मनोज यादव ने कहा कि सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। विदेश में बैठे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू और पाकिस्तान से संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के सभी उपाय अपनाए गए हैं। रेलवे कर्मचारियों ने NDRF से विशेष प्रशिक्षण लिया है, जिसमें रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु (CBRN) खतरों से निपटने की तैयारी भी शामिल है।
'अंडर वॉटर ड्रोन' तैनात
संगम क्षेत्र में स्नान के लिए भारी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए घाटों पर महाकुंभ में पहली बार 'अंडर वॉटर ड्रोन' तैनात किया गया है, जो 24 घंटे पानी के अंदर हर गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम है। प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी जोन) डॉक्टर राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि पानी के अंदर बेहद तेज गति से काम करने वाले इस ड्रोन की सबसे खास बात यह है कि यह अंधेरे में भी लक्ष्य पर सटीक नजर रखने और पानी के नीचे 100 मीटर गहराई तक टोह लेने में सक्षम है।
महाकुंभ में 700 झंडे लगी नावों पर 24 घंटे PAC, NDRF और SDRF के जवान तैनात रहेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर गोताखोर भी तैनात किए गए हैं।
श्रद्धालुओं के लिए 13000 ट्रेनें
संगम पर 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले 45-दिवसीय इस मेले में बड़ी संख्या में पर्यटक और सांस्कृतिक प्रेमी शामिल होंगे। लोगों की सुविधा के लिए रेलवे ने विशेष तैयारी है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर कहा, ‘रेलवे स्टेशन की संरचना पर बहुत ध्यान दिया गया है। नए स्टेशन बनाए हैं, विशेष और नियमित रेलगाड़ियां मिलाकर करीब 13000 ट्रेनें चलाई जाएंगी। इस बार 10,000 नियमित और 3,000 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। सभी स्टेशनों पर 1146 CCTV लगे हुए हैं।’
55 से अधिक थाने, 45 हजार पुलिसकर्मी
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ का यह संस्करण एक भव्य, दिव्य और डिजिटल आयोजन होगा। करीब 10,000 एकड़ क्षेत्र में होने जा रहा यह आयोजन स्वच्छता, सुरक्षा और आधुनिकता के लिए एक नए मानक स्थापित करेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक भी है। महाकुंभ के दौरान आयोजन स्थल दुनिया के सबसे बड़े अस्थायी शहर में तब्दील हो जाता। इसमें एक बार में 50 लाख से एक करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं।
प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार महाकुंभ मेला क्षेत्र में 55 से अधिक थाने स्थापित किए गए हैं और करीब 45 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखने से सम्बन्धित परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। आपको बतादें, अलग-अलग संप्रदायों के संतों के 13 अखाड़े इस महाकुंभ में भाग ले रहे हैं, जो सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस बार पूरे कुंभ क्षेत्र में 3,000 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं।
7,000 करोड़ का बजट
45 दिनों के इस महा आयोजन को सफल बनाने के लिए राज्य का बजट करीब 7,000 करोड़ रुपये है। 2019 कुंभ के मुकाबले इस बार मेले का क्षेत्रफल लगभग 25 प्रतिशत बढ़ा है। मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है, घाटों की लंबाई 8 किलोमीटर से बढ़ाकर 12 किलोमीटर कर दी गई है। पार्किंग क्षेत्र भी 2019 में 1291 हेक्टेयर की तुलना में इस बार बढ़ाकर 1850 हेक्टेयर कर दिया गया है।
अपडेटेड 22:26 IST, January 12th 2025