Published 12:43 IST, September 14th 2024
'ज्ञानवापी को दुर्भाग्य से लोग मस्जिद कहते हैं', गोरखपुर दौरे पर गए CM योगी ने दिया बड़ा बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं, लेकिन ज्ञानवापी साक्षात विश्वनाथ हैं। सीएम योगी गोरखपुर गए हैं।
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी की ज्ञानवापी को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं, लेकिन ज्ञानवापी साक्षात विश्वनाथ हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी धाम ही विश्वनाथ धाम है, लेकिन ज्ञानवापी को मस्जिद कहा जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी गोरखपुर के दौरे पर गए हैं। यहां उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी की दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (समरस समाज के निर्माण में नाथ पंथ का अवदान) के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों की परंपरा हमेशा से जोड़ने के लिए है। संतों ने समाज को जोड़ने का काम किया है। इसी दौरान सीएम योगी ने ज्ञानवापी को लेकर बात कही।
मुख्यमंत्री योगी ने आदि शंकर की कहानी सुनाई
ज्ञानवापी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदि शंकर की एक कहानी सुनाई। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘आचार्य शंकर जब ज्ञान से परिपूर्ण होकर जब आगे के ज्ञान के लिए काशी में आए तो भगवान विश्वनाथ ने उनकी परीक्षा लेनी चाही। उन्होंने इस बात को देखा कि सुबह जब ब्रह्म मुहूर्त में आदिशंकर गंगा स्नान के लिए जा रहे थे तो वो सबसे अछूत कहे जाने वाले एक सामान्य व्यक्ति के रूप में सामने खड़े हो जाते हैं। स्वभाविक रूप से आदि शंकर के मुंह से निकलता है कि मेरे रास्ते से हटो। तब सामने वाला चंडाल एक सवाल पूछता है कि क्या आप अपने आपको अद्वैत ज्ञान के मर्मज्ञ मानते हैं? आप किसको हटाना चाहते हैं?’
सीएम योगी ने बताया कि, 'उस चंडाल ने आदि शंकर से पूछा था कि आपका ज्ञान क्या इस भौतिक काया को देख रहा है या इस भौतिक काया के अंदर बसे ब्रह्म को देख रहा है। अगर ब्रह्म सत्य है तो जो ब्रह्म आपके अंदर है वही मेरे अंदर है। इस ब्रह्म सत्य को जानकर अगर आप इस ब्रह्म को ठुकरा रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपका ज्ञान सत्य नहीं है। तब आदि शंकर भौचक्के रह गए। उन्होंने कहा कि आप कौन हैं? मैं जानना चाहता हूं। चंडाल ने जवाब में कहा कि आप जिस ज्ञानवापी की उपासना के लिए (बीच में कहा- दुर्भाग्य से आज लोग ज्ञानवापी को दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं, लेकिन ज्ञानवापी साक्षात 'विश्वनाथ' ही हैं।) केरल से चलकर यहां आए हैं, मैं उसका साक्षात स्वरूप विश्वनाथ हूं।'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि आदि शंकर तब उनके (चंडाल- विश्वनाथ) सामने नतमस्तक होते हैं और उन्हें पश्चाताप होता है कि नहीं ये भौतिक अप्रिस्तता ये ना सिर्फ साधना के मार्ग की बाधा है, बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता की भी सबसे बड़ी बाधा है।
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Updated 13:25 IST, September 14th 2024