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पब्लिश्ड 09:36 IST, July 21st 2024

नेमप्लेट विवाद में बाबा रामदेव भी कूदे, बोले- 'रामदेव को पहचान बताने में दिक्कत नहीं,रहमान को क्यों'

कांवड़ रूट पर खान-पान की दुकानों पर 'नेमप्लेट' को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव कहते हैं कि नाम छिपाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ काम में शुद्धता की जरूरत है।

Reported by: Digital Desk
Baba Ramdev | Image: PTI/File

Kanwar Yatra Nameplate Controversy: मुजफ्फरनगर पुलिस की पहल के बाद जब पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाना अनिवार्य कर दिया है तो इसकी मांग दूसरे राज्यों में भी तेजी से उठी है। हालांकि 'नेमप्लेट' को लेकर विवाद भी उसी तरह उठ रहा है। पूरा विपक्ष फैसले का विरोध कर रहा है और इसे 'धार्मिक रंग' देने की भरपूर कोशिश हो रही है। पूरे विवाद में अब योग गुरु बाबा रामदेव भी कूद पड़े हैं। उन्होंने 'नेमप्लेट विवाद' पर अपनी राय रखी है।

उत्तर प्रदेश में कांवड़ रूट पर खान-पान की दुकानों पर 'नेमप्लेट' को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव कहते हैं, 'अगर रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है तो रहमान को अपनी पहचान बताने में क्या दिक्कत होनी चाहिए?' उनका कहना है कि हर किसी को अपने नाम पर गर्व होना चाहिए। नाम छिपाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ काम में शुद्धता की जरूरत है। रामदेव ने कहा कि अगर हमारा काम शुद्ध है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम हिंदू हैं, मुसलमान हैं या किसी और समुदाय से हैं।

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19 जुलाई को CM योगी ने लिया था बड़ा फैसला

19 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम कदम उठाते हुए आदेश दिया कि पूरे प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर 'नेमप्लेट'  लगानी होगी। मुख्यमंत्री योगी ने लिखित आदेश जारी नहीं किया, लेकिन निर्देश दिए कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान रास्तों पर लगने वाली दुकानों पर नेमप्लेट लगानी होगी। निर्देश में कहा गया है कि दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान लिखनी होगी। बताया गया कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए फैसला लिया गया है। निर्देश ये भी दिए गए हैं कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

मुजफ्फरनगर पुलिस ने भी जारी किया था आदेश

शुरुआत में मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया था। इसमें लिखा गया- 'श्रावण कांवड़ यात्रा के दौरान पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में कांवड़िये पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए हरिद्वार से जल लेकर मुजफ्फरनगर जिले से गुजरते हैं। श्रावण के पवित्र महीने में कई लोग, खासकर कांवड़िये अपने खाने में कुछ चीजों से परहेज करते हैं। पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कांवड़ मार्ग पर सभी तरह के खाने बेचने वाले कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों के नाम इस तरह रखे हैं, जिससे कांवड़ियों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई और कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हुई। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए कांवड़ मार्ग पर खाद्य पदार्थ बेचने वाले होटलों, ढाबों और दुकानदारों से अनुरोध किया गया है कि वे स्वेच्छा से अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करें। इस आदेश का उद्देश्य किसी भी प्रकार का धार्मिक भेदभाव पैदा करना नहीं है, बल्कि मुजफ्फरनगर जिले से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, आरोपों का जवाब देना और कानून-व्यवस्था की स्थिति को बचाना है। ये व्यवस्था पहले भी प्रचलित रही है।'

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अपडेटेड 09:36 IST, July 21st 2024

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