Published 17:12 IST, July 23rd 2024
NEET UG पेपर लीक मामले में SC का बड़ा फैसला, दोबारा परीक्षा कराने से किया इनकार
NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
- भारत
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New Delhi: नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है। CJI धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट को लगता है कि इस साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा, चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिसके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था।
आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि CBI की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने NTA से ये स्पष्ठ करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केन्द्र और NTA ने अपने जवाब में IIT मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है। डेटा से ये नहीं लगता कि सिस्टिमिक ब्रीच हुआ है या पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
- CJI-23 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया। 1 लाख 8 हजार सीटों के लिए। इनमे 52 हजार निजी कॉलेजों और 56 हजार सरकारी कॉलेज में सीट है।
- परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं और गलत उत्तर के लिए एक माइनस अंक होता है।
- याचिकाकर्ताओं ने सिस्टेमेटिक विफलता का सवाल उठाकर दोबारा परीक्षा की मांग की है। कई राज्यो में इसे लेकर FIR भी दर्ज हुई है।
- कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में, मुख्य मुद्दों पर विचार करते हुए, एनटीए, केंद्र और सीबीआई से हलफनामे मांगे थे। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, बिहार, झारखंड में एफआईआर सीबीआई को हस्तांतरित किए जाने के बाद सीबीआई की भूमिका सामने आई है।
- दलीलें 4 दिनों से अधिक समय तक सुनी गई हैं। हमने सीबीआई के अधिकारी कृष्णा सहित सभी पक्षों को सुना है।
- तथ्य यह है कि NEET UG 2024 का पेपर हजारीबाग और पटना में लीक हुआ था, इस पर कोई विवाद नहीं है।
- जांच को सीबीआई को सौंपे जाने के बाद, सीबीआई ने 10 जुलाई की तारीख वाली अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है।
- CBI की जांच के मुताबिक पेपर लीक की वजह से 155 ऐसे छात्र हैं, जिन्हें गड़बड़ी का फायदा मिला है।
- CBI की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने NTA से ये स्पष्ठ करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केन्द्र और NTA ने अपने जवाब में IIT मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है।
- डेटा से ये नहीं लगता कि सिस्टिमिक ब्रीच हुआ है या पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है।
- दागी छात्रों को बाकी छात्रों से अलग किया जा सकता है। अगर जांच में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि का पता चलता है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो कोई भी छात्र जो इस धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है या लाभार्थी है, उसे प्रवेश पाने का अधिकार नहीं होगा।
- जिन लोगो ने गड़बड़ी का फायदा उठाया है, उनकी बेदाग कैंडिडेट से अलग कर पहचान कर पाना संभव है। आगे चलकर गड़बड़ी पाई जाती है तो भी उसका एडमिशन रद्द किया जा सकता है।
Updated 17:42 IST, July 23rd 2024