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Published 12:29 IST, September 5th 2024

Kolkata Case: न्याय की मांग लेकर फिर सड़कों पर उतरे लोग, हजारों की रैली में गूंजा ‘रिक्लेम दी नाइट'

पहली बार 14 अगस्त को ‘‘रिक्लेम दी नाइट’’ अभियान चलाया गया था। बुधवार रात को इस अभियान के तहत दूसरी बार मार्च निकाला गया।

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kolkata protest | Image: PTI

Kolkata News: कोलकाता के सरकारी अस्पताल में पिछले महीने हुए कथित बलात्कार और हत्या की पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर समूचे पश्चिम बंगाल से हजारों महिलाओं ने ‘रिक्लेम दी नाइट’ अभियान के तहत मध्यरात्रि में मार्च निकाला।

पहली बार 14 अगस्त को ‘‘रिक्लेम दी नाइट’’ अभियान चलाया गया था। बुधवार रात को इस अभियान के तहत दूसरी बार मार्च निकाला गया और इस दौरान कुछ अवांछित घटनाएं हुईं जिसमें कोलकाता में अलग अलग जगहों से पुलिस ने दो लोगों को प्रदर्शनकारी महिलाओं से दुर्व्यवहार के आरोप में हिरासत में लिया। उत्तर बंगाल के माथाभंगा शहर में एक प्रदर्शनकारी पर कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों ने हमला किया।

‘‘रिक्लेम दी नाइट’’ अभियान ज्यादातर सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है और रात साढ़े 11 बजे प्रदर्शन शुरू होने पर अभियान को गति मिली। 14 अगस्त को मध्यरात्रि में अभियान के बाद दूसरी बार बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में जुटे थे। समूचे राज्य में छोटे शहरों से लेकर भीड़-भाड़ वाले शहरों में रैली के दौरान एक ही नारा गूंज रहा था : ‘‘हम न्याय चाहते हैं’’।

इस दौरान राजनीतिक पार्टी के झंडे नहीं दिखे और प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय झंडा लहराते हुए देखा गया तथा सभी पार्टी लाइन से हटकर एक स्वर में न्याय की मांग कर रहे थे।

कोलकाता में और उसके आस पास विभिन्न जगहों पर समाज के सभी वर्गों की महिलाओं, अभिनेता, छात्र, पेशेवर और गृहणियों ने मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर और मोमबत्तियां थाम रखी थीं। महिलाएं एक स्वर में हिंसा के विरोध में नारे लगा रही थीं। आरजी कर अस्पताल में हुई घटना में पीड़ित डॉक्टर मौत हो गई थी।

विशेष रूप से कोलकाता के सियालदह स्टेशन पर उस वक्त दिल को छू लेने वाला दृश्य पैदा हो गया जब पैदल यात्री भी प्रदर्शन में शामिल हुए। कुछ महिलाओं ने शंखनाद किया जो विरोध और ललकार दर्शाने का प्रतीत होता है। पूरे स्टेशन पर शंख की ध्वनि गूंज उठी, जिसने अप्रत्याशित रूप से प्रदर्शन में नया जोश भर दिया।

आंदोलन बरहामपुर, चिनसुराह, शांतिनिकेतन, कृष्णानगर, बर्धमान, सिलीगुड़ी, बारासात, बैरकपुर, राजारहाट-न्यूटाउन, कूच बिहार, माथाभांगा और जलपाईगुड़ी सहित विभिन्न जिलों के शहरों में भी देखने को मिला।

हालांकि आंदोलन के दौरान कुछ छिटपुट घटनाएं भी हुईं जिसमें एक पुरूष प्रदर्शनकारी पर हमला हुआ और दो अलग अलग जगहों पर दो अन्य ने महिलाओं से दुर्व्यवहार किया।

प्रदर्शन के तहत कोलकाता में यादवपुर में 8बी बस स्टैंड पर बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने के दौरान एक महिला से छेड़छाड़ के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।

व्यक्ति कथित रूप से शराब के नशे में था जिसकी पहचान नहीं हो पाई है। वहां मौजूद पुलिसकर्मी उसे पकड़कर पास के थाने ले गए। यादवपुर विश्वविद्यालय से छात्रों के समूह, फिल्म एवं रंगमंच के कलाकारों तथा अन्य लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि पीड़ित महिला ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। अभिनेत्री सोहिनी सरकार पीड़िता को थाने लेकर गई थीं। इस दौरान फिल्म उद्योग से उनकी सहयोगी बिदिप्ता चक्रवर्ती, सुदीप्त चक्रवर्ती और बृशा दासगुप्ता भी पीड़ित महिला को समर्थन देने के लिए उनके साथ थाने गई थीं। पीड़िता ने पुलिस के सामने आरोपी की पहचान की।

दक्षिण कोलकाता के गरिया में अन्य रैली के दौरान महिलाओं से दुर्व्यवहार के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया गया। युवक नशे में था । प्रदर्शनकारियों ने उसकी पिटाई की तथा अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया।

कूचबिहार जिले के माथाभंगा शहर में एक प्रदर्शनकारी की कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं ने पिटाई की। 

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के शाखा सचिव और माथाभंगा नगरपालिका के कर्मचारी प्रद्युत साहा पर एक प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से हमला हुआ। माकपा ने घटना के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। टीएमसी ने हमले में उसकी पार्टी के किसी सदस्य की संलिप्तता से इनकार किया है।

कोलकाता में एक अन्य घटना में श्यामबाजार में प्रदर्शन स्थल पर पहुंचते ही ऋतुपर्णा सेनगुप्ता को प्रदर्शनकारियों के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा। जब उन्होंने भीड़ को संबोधित करने का प्रयास किया तो लोगों ने ‘‘वापस जाओ’’ के नारे लगाए। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस और सेनगुप्ता के अंगरक्षकों ने उन्हें सुरक्षित उनके वाहन तक पहुंचाया, जिसके बाद वह वहां से चली गईं।

यह भी पढ़ें: कोलकाता रेप-मर्डर केस: विरोध में लोगों ने घरों में किया अंधेरा, राजभवन में भी ब्लैकआउट

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 12:29 IST, September 5th 2024

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