पब्लिश्ड 22:35 IST, December 20th 2024
R Bharat Sangam 2024: काल और अंतराल के जरिए सुधांशु त्रिवेदी ने समझाया टाइम एंड स्पेस
R Bharat Sangam 2024: भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी रिपब्लिक भारत के R Bharat Sangam में शिरकत की।
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R Bharat Sangam 2024: भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी रिपब्लिक भारत के R Bharat Sangam में शिरकत की। अपने संबोधन में सुधांशु त्रिवेदी ने काल और अंतराल के जरिए टाइम एंड स्पेस को समझाया।
डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने बताया कि जब स्पेस क्रिएट हुआ तब टाइम शुरू हुआ। लोग कहते हैं कि आइंस्टीन ने टाइम एंड स्पेस की थ्योरी दी लेकिन हमारे यहां दो शक्तियां हैं काल और अंतराल यही काल और अंतराल ही तो टाइम एंड स्पेस है। जब अंतराल शुरू होगा तभी काल का एक्जिस्टेंस है।
जहां काल का एक्जिस्टेंस नहीं है वही 'सत श्री अकाल' है- सुधांशु त्रिवेदी
डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अगर सिख धर्म में 'सत श्री अकाल' कहा गया है तो वहां काल का अर्थ है वह एब्सलूट शुरुआत वहीं सत्य है, वहीं श्री है, वही भगवान है। जहां काल का एक्जिस्टेंस नहीं है क्योंकि There is no change and there is no need to change, therei is Absolute perfection वहां कल का एक्जिस्टेंस नहीं है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि कभी आप अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करिए, आप एक क्षण के लिए वर्तमान में नहीं होंगे या तो आप भूतकाल के बारे में सोच रहे होंगे या भविष्य के बारे में लेकिन वर्तमान में आने का रास्ता क्या है? अपने शरीर और अपनी चेतना की रिदिम को देखिए, चेतना के रिदिम सबसे पहले आपको सांसों में दिखेगी। जब आप सांस में ध्यान लगाते हैं, सांस नीचे जाती है और एक फ्रेक्शन ऑफ सेकंड के लिए रूकती है और फिर वापस आती है। जब वह नीचे जा रही है तब वह भविष्य है और जब वह वापस आ रही है तो वह भूतकाल है लेकिन जिस दिन जिस पल वह बिंदु जहां पर सांस ठहरती है एक पल के लिए वही आपका वर्तमान है। यह बात कहने में बहुत आसान लगती है लेकिन इसको प्राप्त करने में भगवान महावीर को 11 वर्ष लगे थे भगवान बुद्ध को कई वर्ष लगे थे।
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अपडेटेड 22:35 IST, December 20th 2024