Published 17:28 IST, November 29th 2024
सत्ता को जन्मसिद्ध अधिकार समझने वाले एक दशक से केंद्र में नहीं है, PM मोदी का कांग्रेस पर वार
पीएम ने कहा कि आज मुझे बाबा लिंगराज की पवित्र धरती पर आने का सौभाग्य मिला है। मैं इस महान धरती को, महाप्रभु जगन्नाथ को नमन करता हूं।
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PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय ओडिशा दौरे पर हैं। इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 5 दिन पहले मुझे दिल्ली में ओडिशा पर्व के शानदार समारोह में शामिल होने का अवसर मिला था। ओडिशा पर्व में ओड़िया विरासत और गौरव के वो भव्य दर्शन, ओडिशा के लोगों का स्नेह और अपनापन मेरे लिए बहुत ही यादगार पल हैं।
पीएम ने कहा कि आज मुझे बाबा लिंगराज की पवित्र धरती पर आने का सौभाग्य मिला है। मैं इस महान धरती को, महाप्रभु जगन्नाथ को नमन करता हूं। यहां एयरपोर्ट पर ही इतनी संख्या में लोग आए हैं, मैं आपके प्यार के लिए आपका बहुत आभारी हूं।
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हरियाणा, महाराष्ट्र के नतीजों ने देश में विश्वास भर दिया- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा और उपचुनाव के नतीजों का जिक्र करते हुए कहा कि आपके चेहरे की चमक बता रही है हरियाणा, महाराष्ट्र के नतीजों, उपचुनाव के नतीजों ने पूरे देश में कैसा विश्वास भर दिया है, ये मैं आपकी आंखों में देख रहा हूं। ओडिशा ने शुरुआत की, फिर हरियाणा और फिर महाराष्ट्र ये ही तो बीजेपी की विशेषता है, ये ही तो हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं का सामर्थ्य है।
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विपक्षी दल बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रचार करते रहते हैं- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रचार करते रहते हैं, लेकिन जनता बीजेपी सरकार के कामों को देखकर उन्हें आशीर्वाद देने खुद मैदान में दौड़ पड़ती है। चुनाव से कुछ महीने पहले तक बड़े-बड़े राजनीतिक एक्सपर्ट ओडिशा में बीजेपी को खारिज कर रहे थे लेकिन जब परिणाम आए तो अपने को तीस मार खां मानने वाले हैरान हो गए। क्योंकि ओडिशा के लोगों के लिए भाजपा की केंद्र सरकार के कार्य और दिल्ली में बैठते हुए भी ओडिशा के लोगों के साथ अपनापन का जो नाता रहा, वो ओड़िशा के घर-घर पहुंच चुका था। राज्यों में हमारी योजनाओं के नाम बदल दिए जाते थे, फिर भी ओडिशा के विकास के लिए लगातार काम करते रहे। भारत सरकार में आज जितना ओडिशा का प्रतिनिधित्व रहा है, ये पहले कभी नहीं रहा है।
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राजनीति में नीतिगत विरोध बहुत स्वाभाविक- पीएम मोदी
पिछले कुछ समय से एक बहुत बड़ा बदलाव आप सब महसूस कर रहे होंगे। भारत के संविधान की भावनाओं को कुचल दिया जाता है, लोकतंत्र की सारी मान-मर्यादाओं को अस्वीकार किया जाता है। जो लोग सत्ता को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं, उनके पास केंद्र की सत्ता पिछले 1 दशक से नहीं है। राजनीति में नीतिगत विरोध बहुत स्वाभाविक है। किसी भी निर्णय को लेकर अलग-अलग मत हो सकते हैं। राजनीतिक दल अपनी बात जनता के बीच पहुंचाने के आंदोलन भी करते रहते हैं। लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा में रहकर अपने विचार भी प्रकट करते हैं।
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Updated 17:28 IST, November 29th 2024