Published 15:21 IST, August 9th 2024
BREAKING: Waqf Bill पर JPC का गठन, निशिकांत दुबे, असदुद्दीन ओवैसी समेत 31 सांसदों के नाम,देखें List
किरेन रिजिजू ने लोकसभा में संसद की संयुक्त समिति के नामों का प्रस्ताव रखा। लोकसभा ने 21 सदस्यों के नाम का प्रस्ताव पारित किया। 10 सदस्य राज्यसभा से होंगे।
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Joint Parliamentary Committee: वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच के लिए 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन कर दिया गया है। इस समिति के लिए लोकसभा से 21 सदस्यों के नामों का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिबुल्लाह और असदुद्दीन ओवैसी के भी नाम शामिल हैं। गुरुवार को लोकसभा में किरेन रिजिजू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश किया था। अलग-अलग दलों की मांग पर इसे जेपीसी के पास भेजा गया है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में शुक्रवार को संसद की संयुक्त समिति के नामों का प्रस्ताव रखा। लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच के लिए सदनों की संयुक्त समिति में अपने 21 सदस्यों के नाम का प्रस्ताव पारित किया। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति में राज्यसभा से भी 10 सदस्य होंगे।
JPC सदस्यों के नाम (लोकसभा से)
- जगदंबिका पाल
- निशिकांत दूबे
- तेजस्वी सूर्या
- अपर्जिता सारंगी
- संजय जायसवाल
- दिलीप सैकिया
- अभिजीत गंगोपाध्याय
- डीके अरुणा
- गौरव गोगोई
- इमरान मसूद
- मोहम्मद जावेद
- मौलाना मोहिबुल्लाह
- कल्याण बनर्जी
- ए राजा
- श्रीलाबू श्रीकृष्ण देवरायलु
- दिलेश्वर कमात
- अरविंद सावंत
- सुरेश गोपीनाथ
- नरेश गणपत म्हस्के
- अरुण भारती
- असदुद्दीन ओवैसी
राज्यसभा के सदस्यों के नाम
- बृजलाल
- मेधा विश्राम कुलकर्णी
- गुलाम अली
- राधामोहन दास अग्रवाल
- सैयद नसीर हुसैन
- मोहम्मद नदीमुल हक
- वी विजयसाई रेड्डी
- एम मोहम्मद अब्दुल्ला
- संजय सिंह
- वीरेंद्र हेगड़े
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 क्या है?
केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 में प्रस्तावित संशोधन लेकर आई है, जिसे वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के रूप में रखा है। वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है, जिसमें महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल करना भी शामिल है।
विधेयक में किसी भी वक्फ संपत्ति के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का प्रस्ताव है, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन किया जा सके। इसमें ये भी कहा गया है कि 'इस अधिनियम के लागू होने से पहले या बाद में वक्फ संपत्ति के रूप में पहचानी गई या घोषित की गई कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी'। जिला कलेक्टर ये तय करने वाला मध्यस्थ होगा कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या सरकारी भूमि और ये निर्णय अंतिम होगा। एक बार निर्णय लेने के बाद कलेक्टर राजस्व रिकॉर्ड में आवश्यक परिवर्तन कर सकता है और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है। विधेयक में ये भी कहा गया है कि कलेक्टर की ओर से राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करने तक ऐसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।
Updated 15:54 IST, August 9th 2024