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पब्लिश्ड 17:33 IST, December 17th 2024

कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना...'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर ये क्या बोल गए तेजस्वी- 'वन नेशन, वन लीडर'

Tejashwi Yadav on ONOE: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल का विरोध करते हुए इसे संवैधानिक ढांचे पर प्रहार बताया।

Reported by: Priyanka Yadav
Tejashwi Yadav | Image: PTI

Tejashwi Yadav on ONOE: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल का विरोध करते हुए इसे संवैधानिक ढांचे पर प्रहार बताया। इसके साथ ही उन्होंने 'एक देश एक चुनाव' को RSS का एजेंडा करार दिया।

केंद्र सरकार ने चुनाव सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए आज लोकसभा में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश किया। सरकार का दावा है कि इससे चुनावी खर्च कम होगा और प्रशासनिक क्षमता बढ़ेगी। हालांकि विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी के खर्चा बचने वाले दावे पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पीएम मोदी के विज्ञापन में इससे अधिक खर्चा होता है।

'RSS एजेंडे को लागू करना चाहती है सरकार'

तेजस्वी यादव कहते हैं, 'यह संवैधानिक ढांचे पर प्रहार है। मोदी सरकार आरएसएस के एजेंडे को पूरे देश में लागू करना चाहती है। इसलिए हम कहते हैं कि यह लोग संविधान विरोधी है। अभी कह रहे हैं 'वन नेशन, वन इलेक्शन'। आगे कहेंगे 'वन नेशन वन पार्टी' फिर आगे कहेंगे  'वन नेशन, वन लीडर'।'

बीजेपी के दावे पर तेजस्वी का प्रहार

खर्चा बचने के बीजेपी के दावे पर उन्होंने कहा, ' यह लोग वास्तविक मुद्दें पर बात नहीं करते हैं। खर्चा बचेगा... पीएम मोदी विज्ञापन में कितना खर्चा करते हैं? चुनाव से ज्यादा तो विज्ञापन में ही खर्च होता है। 11 साल में अबतक विज्ञापन में कितना खर्च किया है बताए। जो 4-5 राज्यों का चुनाव एक साथ नहीं करा सकता... बिहार में एक चरण में चुनाव नहीं करा सकता, उससे क्या उम्मीद की जा सकती है कि वन नेशन वन इलेक्शन कराएगा।'

लोकसभा में पेश हुआ 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल

सरकार ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को निचले सदन में पेश किया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को निचले सदन में पुर:स्थापित करने के लिए रखा, जिनका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया।

बिल के पक्ष और विरोध में पड़े कितने वोट?

सदन में मत विभाजन के बाद विधेयक को पुर:स्थापित कर दिया गया। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 269 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े। इसके बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के बाद ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को भी पेश किया।

दोनों विधेयकों को पुर:स्थापित किए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपराह्न करीब एक बजकर 55 मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी। नए संसद भवन में पहली बार किसी विधेयक पर मत विभाजन हुआ और यह भी पहली बार था कि इलेक्ट्रॉनिक मत विभाजन हुआ।

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अपडेटेड 18:45 IST, December 17th 2024

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