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Published 23:11 IST, December 11th 2024

मोदी सरकार में बैंकिंग सेक्टर का कायाकल्प: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी को दिया जवाब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत के बैंकिंग सेक्टर पर दिए गए बयान को झूठा और आधारहीन करार दिया है।

Reported by: Digital Desk
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के भारत के बैंकिंग सेक्टर पर दिए गए बयान को झूठा और आधारहीन करार दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) ने ऐतिहासिक सुधारों और मजबूत नीतियों के माध्यम से अभूतपूर्व तरक्की की है।

अपने ट्वीट में सीतारमण ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के समय “फोन बैंकिंग” का सहारा लेकर बैंकों पर दबाव बनाया गया, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति खराब हो गई। उस दौर में PSBs को “ATM” के रूप में इस्तेमाल किया गया, जहां बड़े उद्योगपतियों और राजनीतिक रसूखदारों को फायदा पहुंचाया गया।

PSBs का पुनरोद्धार और वित्तीय स्थिरता

सीतारमण ने बताया कि मोदी सरकार ने PSBs को पुनर्पूंजीकरण के तहत ₹3.26 लाख करोड़ की सहायता प्रदान की, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत हुई और जनता का विश्वास बहाल हुआ। साथ ही, PSBs के माध्यम से सरकार और आम निवेशकों को लाभ पहुंचा, जिनके शेयरों से ₹56,534 करोड़ का लाभांश मिला।

वित्तीय समावेशन में नई क्रांति

वित्त मंत्री ने मोदी सरकार की वित्तीय समावेशन नीतियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 54 करोड़ जन धन खाते खोले गए और 52 करोड़ से अधिक गारंटी-मुक्त ऋण प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया, पीएम स्वनिधि और पीएम विश्वकर्मा जैसी योजनाओं के तहत मंजूर किए गए। खास बात यह है कि पीएम मुद्रा योजना के तहत 68% लाभार्थी महिलाएं हैं, जबकि पीएम स्वनिधि में यह आंकड़ा 44% है।

छोटे ऋणों और रोजगार में उछाल

सीतारमण ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में ₹10 लाख तक के छोटे ऋणों में 238% की वृद्धि हुई है, जबकि ₹50 लाख तक के ऋणों में 300% की बढ़ोतरी हुई है। ये कदम छोटे व्यापारियों और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बना रहे हैं। साथ ही, 2014 से अब तक 3.94 लाख पदों पर भर्ती की गई, जिससे बैंकिंग सेक्टर को नई ऊर्जा मिली है।

बैंक कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक सुधार

बैंक कर्मचारियों के लिए 12वीं द्विपक्षीय समझौता (BPS) के तहत 17% वेतन वृद्धि और अन्य सुविधाएं प्रदान की गईं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए नई चिकित्सा बीमा नीति और विशेष कल्याण योजनाएं लागू की गईं। महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश, बांझपन उपचार अवकाश, गोद लेने और पास के स्थानों पर तबादले जैसी सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम

सीतारमण ने महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित करने की बात करते हुए कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण महिलाएं बैंकिंग सेक्टर में एमडी, सीईओ और अन्य उच्च पदों पर अपनी पहचान बना रही हैं।

जनता-केन्द्रित सरकार और समावेशी विकास

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में 16 क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनके तहत 9 लाख छोटे ग्राहकों को ₹24,500 करोड़ के ऋण दिए गए। ये ऋण विशेष रूप से पीएम मुद्रा, किसान क्रेडिट कार्ड और एमएसएमई योजनाओं के तहत वितरित किए गए।

सीतारमण ने राहुल गांधी से अपील की कि वे शासन और वित्तीय नीतियों की समझ बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि गलत जानकारी फैलाने से उन मेहनतकश बैंक कर्मचारियों और नागरिकों का अपमान होता है, जिन्होंने मजबूत और स्वच्छ बैंकिंग सिस्टम की नींव रखी है। मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत का बैंकिंग सेक्टर आज सशक्त नीतियों और वित्तीय अनुशासन का प्रतीक बन गया है।

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Updated 23:11 IST, December 11th 2024

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