पब्लिश्ड 19:15 IST, December 17th 2024
सदन में गरजे शाह, बोले- 'हमारा संविधान दुनिया की नकल नहीं... विदेशी चश्मे से भारतीयता नहीं दिखेगी'
राज्य सभा में अपने संबोधन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने जमकर विपक्ष को घेरा। गृह मंत्री ने कहा कि पढ़ने का चश्मा विदेशी हो तो भारतीयता नहीं दिखेगी।
- भारत
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संविधान को स्वीकार करने के 75 साल पूरे होने पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की चर्चा चल रही है। इस बीच देश के गृह मंत्री अमित शाह भी चर्चा में शामिल हुए। राज्य सभा में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने जमकर विपक्ष को घेरा। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पढ़ने का चश्मा विदेशी हो तो भारतीयता नहीं दिखेगी।
सदन को संबोधित करते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा, "मैं एक विशेष उल्लेख करना चाहूंगा नंदलाल भोज जो गुरुवार टैगोर के अंतिम वंशज थे, बहुत बड़े कलाकार थे इन्होंने 4 वर्ष का समय लेकर संविधान को सजाने का और उन्होंने जो संविधान लिखा गया था, इसके अनुरूप घटनाओं को संविधान के आदर करने का भी काम किया। इतिहास, धर्म, संस्कृति और परंपरा सबसे मानव जीवन के उच्च मूल्य देने वाली सभी संदेशों को घटनाओं को उन्होंने चित्र रूप में यहां पर उकेरा। यहां पर भगवान राम का चित्र भी मिलेगा, बुद्ध और महावीर का भी मिलेगा, दशम पिता गोविंद सिंह जी का भी चित्र मिलेगा, गुरुकुल हमारी शिक्षा नीति कैसी होनी चाहिए इसका संदेश भी मिलता है, राम सीता लक्ष्मण वह एक प्रकार से हमारे अधिकारों का चित्रण करते वक्त दिखाए गए। भागवत गीता के संदेश का चित्र भी दिया, शिवाजी और लक्ष्मी बाई को भी यहां पर स्थान दिया है।"
विदेश चश्मे से भारतीयता नहीं दिखेगी: अमित शाह
चित्रों को लेकर चल रही सियासत पर गृहमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, "सदस्य ने कहा की चर्चा का स्तर कितना नीचा हो गया है कि यहां चित्रों की चर्चा हो रही है। मान्यवर अगर संदेश लेना नहीं आता तो संविधान का भी कोई उपयोग नहीं। यह सारे जो चित्र लगाए वह हमारे हजारों साल से चलने वाले हमारे राष्ट्र के जीवन को उद्घोषित करने वाला। कोई ये ना समझे कि हमारा संविधान दुनिया के संविधानों की नकल, हमने हर संविधान का अभ्यास जरूर किया है क्योंकि हमारे यहां तो ऋग्वेद में कहा गया हर कोने से हमें अच्छाई प्राप्त हो, शुभ विचार प्राप्त हो और शुभ विचार को स्वीकारने के लिए मेरा मन खुला मान्यवर हमने सब का सबसे अच्छा लिया है। मगर हमारी परंपराओं को नहीं छोड़ा। पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी है, तो संविधान में भारतीयता कभी नहीं दिखेगी।"
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया का सबसे ज्यादा विस्तृत लिखित संविधान चर्चा के सभी हमारे पारंपरिक लक्षणों को पार करते हुए हमने किया। इस संविधान सभा में 299 सदस्य रहे 22 धर्म जाति समुदाय के सदस्य रहे, हर प्रिंसली स्टेट का प्रतिनिधि द्वारा हर राज्य का प्रतिनिधित्व एक प्रकार से समावेशी प्रतिनिधित्व के साथ भारत का भविष्य तय करना मतलब संविधान को रचना की हमारी प्रक्रिया आगे बढ़ी। दो वर्ष 11 महीना और 18 दिन तक आर्मी चलती रही, विस्तृत चर्चा चलती रही। देश के भविष्य देश चलाने के नियम देश की परंपरा को समाहित करते हुए देश को आगे ले जाने का संकल्प इतनी विस्तृत चर्चा के बाद बना। कई तरह की समितियों में कार्य विभाजन किया गया। 60 सदस्य ड्राफ्टिंग समिति बनी और जनता के अभिप्राय के लिए भी शायद ही दुनिया का कोई ऐसा संविधान होगा जिसका क्या पूरी जनता को कमेंट के लिए दिया गया और कमेंट्स पर भी बहुत डिटेल चर्चा की।
अपडेटेड 21:39 IST, December 17th 2024