पब्लिश्ड 23:02 IST, December 20th 2024
'एक देश, एक चुनाव' के लिए JPC में लोकसभा और राज्यसभा के 39 सदस्य शामिल, BJP के इस MP को मिली कमान
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए JPC में लोकसभा से 27 सदस्य और राज्यसभा से 12 सदस्य शामिल हैं। समिति में NDA के कुल 22 सदस्य और INDI गठबंधन के 10 सदस्य हैं।
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One Nation One Election : 'एक देश, एक चुनाव' के लिए लोकसभा सचिवालय ने संयुक्त संसदीय समिति JPC की घोषणा कर दी है। संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक पर विचार के लिए संसद ने 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सांसद पी.पी चौधरी करेंगे।
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए JPC में लोकसभा से 27 सदस्य और राज्यसभा से 12 सदस्य शामिल हैं। राज्यसभा में इस समिति के 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूरी दी गई। जिसके बाद 39 सदस्यीय समिति के गठन का रास्ता साफ हो गया। इससे पहले, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने निचले सदन में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।
किसी पार्टी के कितने सदस्य?
इन विधेयकों पर विचार के लिए बनी संयुक्त समिति में लोकसभा से 27 सदस्यों को नामित किया गया। बाद में, लोकसभा सचिवालय की ओर जारी एक आदेश में समिति के गठन के साथ ही इसके सभी सदस्यों के नामों की घोषणा की गई और कहा गया कि पी.पी चौधरी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। समिति के 39 सदस्यों में बीजेपी के 16, कांग्रेस के 5, सपा, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के दो-दो और शिवसेना, TDP, जदयू, रालोद, लोजपा (रामविलास), जन सेना पार्टी, शिवसेना-यूबीटी, राकांपा-(सपा), माकपा, AAP, बीजद और YSRCP के एक-एक सदस्य शामिल हैं।
समिति में NDA के कुल 22 सदस्य हैं जबकि विपक्षी INDI गठबंधन के 10 सदस्य हैं। बीजद और YSRCP सत्तारूढ़ या विपक्षी गठबंधन के सदस्य नहीं हैं। बीजद ने एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, जबकि YSRCP ने इस कदम का समर्थन किया है। समिति को आगामी बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। इन विधेयकों को 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था।
राज्यसभा में 12 सदस्य
उच्च सदन से इस समिति में BJP के घनश्याम तिवाड़ी, भुनेश्वर कालिता, के. लक्ष्मण, कविता पाटीदार, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला और मुकुल वासनिक, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पी विल्सन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजू जनता दल के मानस रंजन मंगराज और वाईएसआर कांग्रेस के वी विजय साई रेड्डी को शामिल किया गया है।
इस समिति में लोकसभा से जिन 27 सदस्यों को शामिल किया गया, उनमें BJP से पी.पी चौधरी, सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, पुरुषोत्तम रुपाला, अनुराग ठाकुर, विष्णु दयाल शर्मा, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैजयंत पांडा और संजय जायसवाल शामिल हैं। कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाद्रा, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत को इस समिति का हिस्सा बनाया गया है।
समाजवादी पार्टी से धर्मेंद्र यादव और छोटेलाल, तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी, द्रमुक से टी एम सेल्वागणपति, तेलुगु देशम पार्टी से हरीश बालयोगी, शिवसेना (उबाठा) से अनिल देसाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) से सुप्रिया सुले, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से शांभवी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के. राधाकृष्णन, राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान और जन सेना पार्टी के बालाशौरी वल्लभनेनी को इस समिति में शामिल किया गया है।
अपडेटेड 23:02 IST, December 20th 2024