Published 18:17 IST, December 8th 2024
'हिंदू नरसंहार के समय इस्लाम पर सवाल क्यों नहीं...' महंत राजू दास का इल्तिजा मुफ्ती को मुंहतोड़ जवाब
इल्तिजा मुफ्ती के हिंदुत्व वाले बयान पर भड़कते हुए महंत राज दास ने कहा कि हिंदू नरसंहार के समय इस्लाम पर सवाल क्यों नहीं उठाए? उनकी आंखों से आंसू छलक गए।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी और पीडीपी की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने भारत के सनातनी हिंदुओं को लेकर भड़काऊ बयान दिया है। इल्तिजा मुफ्ती के बयान की देश भर में हिंदू नेताओं के द्वारा कड़ी आलोचना की जा रही है। वहीं महंत राजू दास ने भी इल्तिजा मुफ्ती को मुंहतोड़ जवाब दिया है। इसके साथ ही, दुनियाभर के अन्य देशों में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का जिक्र करते हुए महंत राजूदास के आंखों से आंसू छलक उठे।
महंत राजूदास ने इल्तिजा मुफ्ती के बयानों पर मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा, "जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि भगवान राम का सिर शर्मिंदगी से झुक जाएगा, जिस प्रकार से हिन्दुस्तान में इस्लामिक महिलाओं के साथ अभद्रता हो रही...। मेरा सवाल उनसे है कि वो जहां की रहने वाली हैं, वहां पर कश्मीरी हिंदुओं के साथ नरसंहार हुआ, उनकी मां, बहन-बेटियों की इज्जत लूटी, तब उन्होंने इस्लाम पर सवाल नहीं उठाए।"
हिंदुओं के नरसंहार पर एक शब्द नहीं कहा लेकिन...: महंत राजू दास
उन्होंने आगे कहा, "जिस प्रकार लगातार इस्लाम के नाम पर 57 देशों से अल्पसंख्यक और हिंदू विहीन हो गए, उसपर एक सवाल नहीं उठाए। लगातार हो रहे अत्याचार और बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार पर एक शब्द उन्होंने नहीं कहा, लेकिन सनातनत पर उन्होंने जिस प्रकार का कुठाराघात किया, दुखद है, निंदनीय है। उनके बयान शर्मिंदगी पूर्ण हैं। उन्हें सनातनियों और हिन्दुत्ववादियों से क्षमा मांगनी चाहिए।"
हिंदुत्व को लेकर क्या था इल्तिजा मुफ्ती का बयान?
मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से शुरू हुआ, जहां इल्तिजा मुफ्ति ने रतलाम की एक घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह सब देखकर भगवान राम भी बेबसी और शर्म से सिर झुका लेंगे कि उनके नाम का इस्तेमाल करके नाबालिग मुस्लिम बच्चों को सिर्फ इसलिए चप्पलों से मारा जा रहा है क्योंकि उन्होंने राम का नाम लेने से इनकार कर दिया। हिंदुत्व एक बीमारी है, जिसने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया है और भगवान के नाम को कलंकित किया है।"
हिंदुत्व को लेकर उन्होंने कहा कि हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बहुत अंतर है। हिंदुत्व नफरत की भावना के बारे में है, जिसे सावरकर ने 40 के दशक में फैलाया था, जिसका उद्देश्य हिंदुओं का आधिपत्य स्थापित करना था, और दर्शन यह था कि भारत हिंदुओं का है और हिंदुओं के लिए है। हिंदू धर्म, इस्लाम की तरह, एक ऐसा धर्म है जो धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देता है, आइए इसे जानबूझकर विकृत न करें। 'जय श्री राम' का नारा अब रामराज्य के बारे में नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल मॉब लिंचिंग के दौरान किया जा रहा है। हिंदू धर्म को विकृत किया जा रहा है।
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Updated 18:17 IST, December 8th 2024