पब्लिश्ड 14:46 IST, January 11th 2024
'कांग्रेस हिंदू धर्म और हिंदुत्व के खिलाफ', राम मंदिर निमंत्रण ठुकराया तो भड़के सुधांशु त्रिवेदी
Ram Mandir का न्योता कांग्रेस आलाकमान ने अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस के इस फैसले पर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी भड़के हैं। उन्होंने इसे उनकी हिंदुत्व विरो
Pran Prathishtha Invitation: देश दुनिया से लोग भगवान श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लालायित हैं इस बीच कांग्रेस ने अपने राजनीतिक गुणा भाग को ध्यान में रख न्योते को सहजता से अस्वीकार कर दिया। उनके इस फैसले को भाजपा ने हिंदू विरोधी करार दिया है।
खबर में आगे पढ़ें-
- भड़के त्रिवेदी, बोले- पता नहीं कांग्रेस की समस्या क्या?
- बहिष्कार की राजनीति पर भाजपा ने किया कड़ा प्रहार
- क्यों कहा ये गांधी की कांग्रेस नहीं?
कांग्रेस की न पर बिफरे सुधांशु
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस की न को बहिष्कार का नाम दिया। उन्होंने कहा- कांग्रेस ने G20 समिट का बहिष्कार किया...2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के नेतृत्व में मई 1998 में किये गये पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद कांग्रेस ने 10 दिनों तक कोई बयान नहीं दिया...कांग्रेस ने भी अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न समारोह का बहिष्कार किया था। जनता भी उनका सत्ता से बहिष्कार कर रही है।
नेहरू की कांग्रेस, गांधी की नहीं...
कांग्रेस पर हमलावर त्रिवेदी ने कहा- ये नेहरू की कांग्रेस है, ये गांधी की कांग्रेस नहीं है। महात्मा गांधी 'रघुपति राघव राजा राम' गाते थे और आज कांग्रेस 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल नहीं हो रही है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस हिंदू धर्म और हिंदुत्व के खिलाफ है।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि जब सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो जवाहरलाल नेहरू जी ने 24 अप्रैल, 1951 को उस समय सौराष्ट्र के प्रमुख को लिखा था कि 'इस कठिन समय में इस समारोह के लिए दिल्ली से मेरा आना संभव नहीं है।
मैं इस पुनरुत्थानवाद से बहुत परेशान हूं, मेरे लिए बहुत कष्टकारक है कि मेरे राष्ट्रपति, मेरे कुछ मंत्री और आप सोमनाथ के इस समारोह से जुड़े हुए हैं और मुझे लगता है कि ये मेरे देश की प्रगति के अनुरूप नहीं है, इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे... कांग्रेस के पास इस बार मौका था कि आप अपने को बदल कर दिखा सकते थे। परंतु इन्होंने इस बार भी ये नहीं किया। उन्होंने कहा कि आज रामराज्य की प्राण प्रतिष्ठा का श्रीगणेश हो रहा है, लेकिन कांग्रेस उसके पक्ष में नहीं है। इससे साफ है कि गांधी जी की कांग्रेस और नेहरू की कांग्रेस में बहुत अंतर है।
कांग्रेस की नीयत पर उठाए सवाल
राज्यसभा सांसद ने कांग्रेस की नीयत पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने कहा- किसी भी अच्छे से अच्छे अनुष्ठान में विघ्न उत्पन्न करके संतोष प्राप्त करने वाली प्रवृत्ति की परिचायक कांग्रेस के साथ पता नहीं कौन सी समस्या है? भारत का इतिहास जब-जब करवट ले रहा होता है, तब-तब वो उस अवसर के साथ खड़े न होकर उसका बहिष्कार करते हैं।
अपडेटेड 14:46 IST, January 11th 2024