पब्लिश्ड 12:58 IST, January 1st 2025
Bihar: तेजस्वी का दरवाजे बंद वाला बयान, CM नीतीश की खामोशी और JDU का पलटवार; नए साल पर बिहार में क्या पक रही खिचड़ी?
नीतीश कुमार अपना रूटीन हेल्थ चेकअप करवाकर अचानक ही दिल्ली से पटना वापस लौट गए हैं। उनके एक दिन पहले दिल्ली से पटना वापस लौटने को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई।
- भारत
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बिहार में चल रहे सियासी उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली के दौरे पर गए लेकिन अचानक ही उनका दिल्ली से बिहार के लिए वापसी को लेकर सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल नीतीश कुमार को दिल्ली से मंगलवार को लौटना था लेकिन अचानक सोमवार को ही उन्होंने दिल्ली से बिहार के लिए वापसी कर दी। ऐसे में नीतीश कुमार को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ इसके पहले भी नीतीश कुमार ने कई चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। वो चाहे एनडीए गठबंधन में वापस आने का फैसला रहा हो या फिर एनडीए से अलग हटकर महागठबंधन में जाने की बात रही हो।
नीतीश कुमार अपना रूटीन हेल्थ चेकअप करवाकर अचानक ही दिल्ली से पटना वापस लौट गए हैं। उनके मंगलवार की बजाए सोमवार को दिल्ली से पटना वापस लौटने को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है। दरअसल नीतीश कुमार के अचानक से पटना लौटने के कई कारण हैं। इसमें सबसे ज्यादा बड़ी वजह छात्रों का आंदोलन को माना जा रहा था। ऐसा इसलिए क्योंकि इस छात्रों के आंदोलन में बिहार में विपक्षी नेता पप्पू यादव खड़े हो गए हैं वहीं सियासत के मैदान में उभरते हुए प्रशांत किशोर भी छात्रों के साथ इस आंदोलन में उनके समर्थक और नीतीश सरकार के खिलाफ जाकर खड़े हो गए हैं।
आखिर क्यों समय से पहले पटना लौटे सीएम नीतीश?
मीडिया में ये खबरें भी आईं थीं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली गए हैं। वहीं इसी बीच उनके अचानक से दिल्ली से पटना वापस लौटने पर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे। अब एक तरफ तो मीडिया ने ये अटकलें शुरू कर दीं कि नीतीश कुमार से जेपी नड्डा और अमित शाह ने मुलाकात नहीं की और वो बिना मुलाकात किए ही वापस बिहार लौट आए लेकिन वहीं बिहार में छात्रों के तेजी से बढ़ते आंदोलन की वजह से भी बिहार सीएम को अचानक दिल्ली से वापसी करनी पड़ी थी। इस बात अगर ध्यान से देखा जाए तो छात्रों का आंदोलन भी कम गंभीर मुद्दा नहीं है जब उनके साथ पप्पू यादव और प्रशांत किशोर जैसे लोग साथ आ जाएं।
बिहार में चढ़ा सियासी पारा
बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर वहां की सियासी हलचल तेज हो गई है और इस बीच सीएम नीतीश का दिल्ली दौरा और फिर अचानक समय से पहले पटना वापसी से बिहार में सियासी पारा चढ़ने लगा है। बिहार में मौजूदा समय चर्चा के बाजार में ये बात भी बहुत तेजी से तूल पकड़ रही है कि विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में एक बार फिर बड़ा खेला होना वाला है। इन्हीं सियासी कानाफूसी के बीच आरजेडी नेताओं के बीच सुगबुगाहट चल रही है कि नीतीश NDA में अब असहज महसूस कर रहे हैं और वो कभी भी एनडीए से पलटी मार सकते हैं। वहीं दूसरी ओर आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव से पहले ये साफ-साफ कह दिया कि अब नीतीश के लिए महागठबंधन के दरवाजे पूरी तरह से बंद हो गए हैं।
तेजस्वी पर JDU नेता का पलटवार
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में सरकार सिर्फ नीतीश के चेहरे पर चल रही है, जबकि इसे थके हुए और रिटायर अफसर चला रहे हैं। वो खुद कोई फैसलान नहीं ले पा रहे हैं पार्टी के कुछ नेताओं ने उन्हें हाईजैक कर लिया है असल में थके हुए और रिटायर अफसर इसे चला रहे हैं। वो खुद कोई फैसले नहीं लेते हैं। उनकी पार्टी के 4 नेताओं ने उन्हें हाईजैक कर लिया है। वहीं तेजस्वी के इस बयान पर जेडीयू नेता विजय चौधरी ने पलटवार किया है। जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि कौन लोग दरवाजा बंद करने की बात कह रहे हैं। उनके एक वरिष्ठ विधायक कह रहें हैं हम स्वागत के लिए खड़े हैं और तेजस्वी यादव दरवाजा बंद की बात कहते हैं। उनकी अब हालात क्या है समझिये। हम NDA में मजबूती से हैं और 2025 चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेंगे।
Updated 12:58 IST, January 1st 2025