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पब्लिश्ड 15:50 IST, January 10th 2025

जब पहली बार CM बने थे नरेंद्र मोदी, दोस्तों को मुख्यमंत्री आवास बुलाया... फिर भी क्यों पूरी तरह नहीं हुए थे खुश, खोला राज

नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री रहते अपने दोस्तों को CM आवास में बुलाने और उनके मुलाकात के बाद भी पूरी तरह खुशी नहीं मिलने के पीछे की वजह बताई है।

Reported by: Digital Desk
PM Narendra Modi | Image: Video Grab

PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जिंदगी का एक वो किस्सा बताया है, जब मुख्यमंत्री बनने के बाव वो अपने दोस्तों से मिलकर भी पूरी तरह खुश नहीं थे। निखिल कामथ के साथ पहले पॉडकास्ट इंटरव्यू में पीएम मोदी ने बताया कि जब वो पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी इच्छा थी कि वो अपने दोस्तों को यहां बुलाकर उनसे मुलाकात करें। पीएम मोदी ने अपने दोस्तों को सीएम आवास में बुलाने और उनके मुलाकात के बाद भी पूरी तरह खुशी नहीं मिलने की वजह का भी खुलासा किया है।

पीएम मोदी से उनके बचपन से जुड़ी यादों के बारे में सवाल किया गया था। इसी तरह उनके सवाल किया गया था कि उनके ऐसे भी कोई दोस्त हैं, जिनसे वो अभी भी संपर्क में रहते हैं। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब दिया कि मेरा केस बड़ा विचित्र है। छोड़ी उम्र में घर छोड़ दिया था तो सब कुछ ही छूट गया था। बहुत बड़ा गेप हो गया। मेरा कोई संपर्क नहीं था। किसी से कुछ लेना-देना भी नहीं था। मेरी जिंदगी भी एक अंजान और भटकते इंसान की तरह थी कि मुझे कौन पूछेगा।

दोस्तों को CM आवास बुलाकर पूरी की पहली इच्छा

प्रधानमंत्री ने अपना पुराना किस्सा बताते हुए कहा- 'जब मैं मुख्यमंत्री बना तो मेरे मन में कुछ इच्छाएं जगीं। एक इच्छा ये थी कि मेरी क्लास से पुराने जितने दोस्त हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर बुलाउंगा। इसके पीछे की वजह ये थी कि मैं नहीं चाहता था कि किसी को ये लगे कि वो तो बड़ा तीस मार खां बन गया। मैं वही हूं, जो सालों पहले गांव छोड़कर गया था और मुझमें कोई बदलाव नहीं आया। उस पल को मैं जीना चाहता था। जीने का तरीका यही है कि मैं उन साथियों के साथ बैठूं।'

PM मोदी ने बताया- क्यों दोस्तों से मिलकर भी खुश नहीं हुए

पीएम मोदी ने आगे बताया कि दोस्तों को चेहरे से भी पहचान नहीं पाता था। बड़ा गैप हो चुका था और सब बड़े हो गए थे। हालांकि मैंने सभी को बुलाया और तकरीबन 30-35 लोग इकट्ठा हुए थे। रात को खाना खाया, गप्पे मारे और पुरानी बातें ताजा कीं। इसी बीच पीएम मोदी ने उस मुलाकात को लेकर कहा कि उन्हें उस समय मजा नहीं आया था। क्योंकि मैं दोस्त खोज रहा था, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री नजर आता था। वो खाई पटी नहीं और मेरे जीवन में मुझसे 'तू' कहने वाला कोई बचा ही नहीं। ऐसी स्थिति हो गई।

दूसरी इच्छा में टीचर्स के सार्वजनिक सम्मान किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि उनके अभी भी कुछ दोस्त संपर्क में हैं और वो मुझे सम्मान के साथ देखते हैं। मेरे एक टीचर जरूर थे, वो मुझे चिट्ठियां भेजते थे और उनमें वो मेरे लिए 'तू' लिखते थे। इसी दौरान पीएम मोदी ने सीएम बनने के बाद अपनी दूसरी इच्छा को लेकर भी किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा- 'मेरी एक और इच्छा थी कि मैं अपने सभी टीचर्स को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करूंगा। जिन्होंने बचपन में पढ़ाया, स्कूली शिक्षा तक जो भी मेरे टीचर रहे। मैंने उन्हें ढूंढा और मुख्यमंत्री बनने के बाद सबका सार्वजनिक सम्मान किया। मेरे मन में एक मैसेज था, मैं जो भी हूं उसमें इन टीचर्स का भी कुछ ना कुछ योगदान है। मैंने सभी टीचर्स को बुलाकर सभी का सार्वजनिक तौर पर सम्मान किया।' पीएम मोदी ने बताया कि इसी तरह उन्होंने अपने परिवार के सभी लोगों को बुलाकर मुख्यमंत्री आवास में उनसे मुलाकात की थी।

यह भी पढ़ें: 'इंसान हूं भगवान नहीं, गलतियां मुझसे भी होती हैं', पॉडकास्ट में बोले पीएम मोदी

अपडेटेड 15:50 IST, January 10th 2025

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