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पब्लिश्ड 13:50 IST, September 5th 2024

MP: पहले पढ़ी रामचरितमानस की चौपाई, फिर मासूम से रेप-मर्डर के दोषी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

आरोपी ने नाबालिग बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के बाद गला घोंटकर हत्या कर दी‌ गई है। पुलिस ने मामले में पॉक्सो सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

Reported by: Ruchi Mehra
Minor Rape Murder Case | Image: Freepik

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई। मासूम के साथ दरिंदगी को अंजाम देने वाला उसका रिश्तेदार था। घटना ढाई साल पुरानी है। कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए सुनवाई के दौरान श्रीरामचरितमानस की चौपाई भी पढ़ी।

सोहागपुर कोर्ट ने बुधवार (4 सितंबर) को 5 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी को दोषी ठहराया। आरोपी को पॉक्सो एक्ट और हत्या की धारा में फांसी (मृत्युदंड) की सजा सुनाई गई।

3 साल पुरानी है घटना

मामला दिसंबर 2021 का है। 25 दिसंबर को नाबालिग बच्ची के पिता काम करने चले गए थे। शाम को जब वह घर लौटे तो बच्ची वहां नहीं मिली। काफी खोजबीन के बाद भी कुछ पता न चलने पर पुलिस चौकी शोभापुर में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की तो छत पर नाबालिग बच्ची छत पर रखे पुराने कपड़ों के नीचे ढकी हुई मिली।

पुलिस जांच में पता चला कि घटनास्थल पर किसी अज्ञात आरोपी ने नाबालिग बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के बाद गला घोंटकर हत्या कर दी‌ गई है। पुलिस ने मामले में पॉक्सो सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

बच्ची के बड़े भाई ने बताया कि किशन उर्फ चीन्नु माछिया उसके छत पर आया था। वह और उसकी बहन खेल रहे थे। तब किशन ने डराकर उसे नीचे भेज दिया था। संदेह होने पर पुलिस ने किशन को गिरफ्तार किया। आरोपी ने पूछताछ के दौरान अपना गुनाह कबूल कर लिया और बताया कि उसने नाबालिग बच्ची को गला घोंटकर मार दिया गया था।

वहीं, इस घटना में संबंध में एक बनियान का टुकड़ा जो घटनास्थल पर एक पेटी में रखा मिला था। उसकी DNA जांच भी की गई थी, जिसमें आरोपी की प्रोफाइल समान पाया गया।

कोर्ट ने दोषी को सुनाई फांसी की सजा

मामला तीन साल तक कोर्ट में चला और अब अदालत ने इसमें अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने बीते दिन सुनाए अपने फैसले में दोषी पाए गए किशन को फांसी की सजाई सुनाई।

कोर्ट ने पढ़ी श्रीरामचरितमानस की चौपाई

फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि हर एक निश्चिल, निर्दोष मासूम, अबोध बालिका का बलात्कार स्वयं ही विरलतम से विरलतम घटना है। बलात्कार सहित हत्या का मामला जो किसी भी दृष्टि से सामान्य नहीं माना जा सकता। इस दौरान जज ने श्रीरामचरितमानस की चौपाई भी पढ़ी, जो इस प्रकार है-

‘‘अनुज बधू भगिनी सुत नारी, सुनू सठ कन्या सम ए चारी। 
इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई, ताहि बधें कछु पाप न होई।।"

इसका अर्थ है- ‘छोटे भाई की पत्नी, बहन, पुत्र की स्त्री और कन्या... सभी समान होते हैं। अगर इनकी तरफ कोई बुरी नजर से देखता है तो उसे मारने से पाप नहीं लगता।' इसके बाद अदालत ने मासूम के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी को फांसी की सजा सुना दी।

यह भी पढ़ें: Kolkata Rape Case: मुंह बंद रखने के लिए पुलिस दे रही थी रिश्वत...ट्रेनी डॉक्‍टर के मां-बाप का खुलासा

अपडेटेड 13:50 IST, September 5th 2024

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