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Published 21:11 IST, October 28th 2024

गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन रिश्तों में पहली बार नरमी, LAC पर 90% डिसइंगेजमेंट पूरा

Disengagement on LAC: रक्षा सूत्रों की मानें तो भारत और चीन की सेनाओं का डेपसांग और डेमचोक में 80-90 फीसदी डिसएंगेजमेंट पूरा हो गया है।

Reported by: Deepak Gupta
80-90 percent disengagement of Indian and Chinese armies completed | Image: X

Disengagement on LAC: साल 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद पहली बार भारत और चीन के रिश्तों में नरमी देखने को मिल रही है। दोनों देशों की सेनाएं डिसइंगेजमेंट के काम में जोरशोर से लगी हैं। रक्षा सूत्रों की मानें तो भारत और चीन की सेनाओं का डेपसांग और डेमचोक में 80-90 फीसदी डिसएंगेजमेंट पूरा हो गया है। इस प्रक्रिया में सभी प्रकार के बुनियादी ढांचे को हटाना और दोनों पक्षों द्वारा सैनिकों को पीछे हटाना शामिल है। प्रक्रिया मंगलवार (29 अक्टूबर) तक पूरी होने की संभावना है।

हाल ही में भारत और चीन LAC पर 2020 से पहले की स्थिति और ज्वाइंट पेट्रोलिंग के लिए साझा हुए हैं। 15-16 जून 2020 के बाद से ये पहली बार है जब दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही हैं। करीब 52 महीने में कई राउंड बातचीत के बाद दोनों देश इस निर्णय पर पहुंचे हैं। फिलहाल दोनों देशों के बीच डेपसांग और डेमचोक से सेनाएं पीछे हटाने को लेकर सहमति बनी है। पहले डेपसांग और डेमचोक से सेनाएं वापस होंगी उसके बाद दोनों ही देश इन इलाकों का फिजिकल और एरियल वैरिफिकेशन करेंगे।

दोनों देशों में विश्वास स्थापित होने के बाद ही बाकी के बचे हुए इलाकों में डिसएंगेजमेंट को लेकर बात होगी। हालांकि अभी तक ये कोई तय नहीं हुआ है कि गलवान घाटी पर डिसएंगेजमेंट को लेकर चर्चा कब होगी। अगर डेपसांग और डेमचोक को लेकर हुए समझौते के बाद सबकुछ ठीक रहा है तो उम्मीद जताई जा सकती है कि दोंनों देशों के सैन्य कमांडर गलवान घाटी पर भी साल 2025 में बैठक कर सकते हैं।

BRICS में मोदी-जिनपिंग की मुलाकात

हाल में ही रूस के कजान में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई। इस मुलाकात से पहले ही दोनों देश LAC पर डेपसांग और डेमचोक में डिसइंगेजमेंट के लिए राजी हुए थे। जिसकी प्रक्रिया अभी चल रही है। चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान पीएम ने कहा था,"आपसे मिलकर खुशी हुई। जैसा आपने कहा पांच साल के बाद हमारी ये फॉर्मल मीटिंग हो रही है। हमारा मानना है भारत और चीन के संबंधों का महत्व हमारे लोगों के लिए ही नहीं, लेकिन वैश्वविक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत अहम हैं। सीमा पार पिछले चार वर्षों में उत्पन्न हुए मुद्दों पर सहमति का स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।"

आपसी भरोसा, सम्मान, संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बने: PM मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा, “आपसी भरोसा, सम्मान, संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बने रहना चाहिए। आज इन सभी विषयों पर बात करने का अवसर मिला है। मुझे विश्वास है कि हम खुले मन से बातचीत करेंगे और हमारी चर्चा कंस्ट्रक्टिव होगी।”

मतभेदों और असहमतियों को उचित रूप से संभालना महत्वपूर्ण - जिनपिंग

चीनी राष्ट्रपति ने कहा, "चीन और भारत बड़ी डेवलपिंग कंट्री है। हमारे द्विपक्षीय संबंध दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों के लिए अधिक संचार और सहयोग करना, हमारे मतभेदों और असहमतियों को उचित रूप से संभालना और एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने में सुविधा प्रदान करना महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों के लिए हमारी अंतर्राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी निभाना, विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ावा देने के लिए एक उदाहरण स्थापित करना और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में बहु-ध्रुवीकरण और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में योगदान देना भी महत्वपूर्ण है।" 

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Updated 21:15 IST, October 28th 2024

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