Published 14:40 IST, September 21st 2024

'कुछ लोगों के होंगे पर्दाफाश, इसलिए लग रही मिर्ची', इमरजेंसी रिलीज टलने पर बोलीं Kangana Ranaut

कंगना रनौत ने कहा कि मुझे फिल्म उद्योग से कोई समर्थन नहीं मिला। मैं दूसरे सहयोगियों के साथ फिल्म की निर्माता हूं। रिलीज में देरी सभी के लिए नुकसान है।

Reported by: Ruchi Mehra
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कंगना रनौत | Image: instagram
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Kangana Ranaut Statement: एक्ट्रेस से सांसद बनीं कंगना रनौत 'इमरजेंसी' फिल्म लगातार विवादों में बनी हुई है। सेंसर बोर्ड से इसे अबतक हरी झंडी नहीं मिल पाई है, जिसके चलते मूवी सिनेमाघरों तक नहीं पहुंच पाई। इस बीच कंगना ने बोर्ड से अपील की है कि वह इसे जल्द से जल्द रिलीज कराएं।

'इमरजेंसी' विवाद पर कंगना ने कहा कि हमने संविधान और देशभक्ति को लेकर ये फिल्म बनाई है। कुछ लोगों के इससे पर्दाफाश होगा, इसलिए उनको मिर्ची लग रही है।  

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'रिलीज में देरी सभी के लिए नुकसान'

कंगना ने इस दौरान फिल्म इंडस्ट्री से सपोर्ट न मिलने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि मुझे फिल्म उद्योग से कोई समर्थन नहीं मिला। मैं दूसरे सहयोगियों के साथ फिल्म की निर्माता हूं। रिलीज में देरी सभी के लिए नुकसान है। मुझे लगता है कि सेंसर बोर्ड को इस फिल्म को जल्द से जल्द रिलीज करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

राहुल के बयान पर कंगना का हमला

इस दौरान कंगना रनौत ने कई और मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने अमेरिकी यात्रा के दौरान राहुल गांधी के दिए गए बयानों पर निशाना साधा। मंडी सांसद ने कहा कि राहुल गांधी बाहर जाते हैं तो देश के लिए कैसी बातें करते हैं। ये सबको पता है अपनी सत्ता के लिए वह देश के टुकड़े करने से पहले सोचते भी नहीं है।

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मस्जिद विवाद पर भी खुलकर बोलीं कंगना

इसके अलावा कंगना ने मस्जिद विवाद पर बोलते हुए कहा कि बाहरी लोग हिमाचल के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि 90 के दशक में कश्मीर की डेमोग्राफी कैसे बदली सबने देखा। हमेशा से ही मैंने शरणार्थी मुद्दे और घुसपैठियों के बारे में बात की है। आपको अगर आप किसी भी देश की नागरिकता या अपनी कोई पहचान चाहिए तो आप वह हासिल कर सकते हैं, लेकिन मैंने लोगों को फर्जी नामों का इस्तेमाल करते हुए और दूसरे धर्मों के नाम पर व्यवसाय चलाते देखा है।

सांसद ने कहा कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा को इससे नुकसान होता है। साथ ही यह राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसी चीजें राजनीतिक फायदे के लिए होती हैं। स्थानीय लोगों अब इसे अपने हाथों में ले चुके हैं, क्योंकि राज्य सरकार बेकार लगती है। हम इतने मूर्ख और कायर नहीं हो सकते। जो कुछ भी कश्मीर में हुआ वो कोई हजारों साल पुरानी घटना नहीं है। 1990 के दशक की ही बात है। हमने देखा है कि कैसे वहां की जनसांख्यिकी बदल गई।

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14:38 IST, September 21st 2024