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पब्लिश्ड 20:44 IST, January 11th 2025

HMPV: छोटे बच्चे रहे सावधान! असम में 10 माह का बच्चा पॉजिटिव, देशभर में इस वायरस से अबतक 16 लोग संक्रमित

HMPV in India: कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले देश में बढ़कर 16 हो गए हैं। असम में एक 10 महीने का बच्चा संक्रमित पाया गया।

Reported by: Nidhi Mudgill
HMPV | Image: Shutterstock

HMPV in India: कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले देश में बढ़कर 16 हो गए हैं। शनिवार (11 जनवरी) को असम में पहली बार इस वायरस का केस सामने आया, जहां 10 महीने का बच्चा संक्रमित पाया गया। डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज में बच्चे का इलाज चल रहा है और उसकी हालत स्थिर है। इसी तरह पुडुचेरी में तीन साल का बच्चा भी HMPV पॉजिटिव मिला था जो फिलहाल स्वस्त है।

HMPV के सबसे ज्यादा 4 मामले गुजरात में दर्ज किए गए हैं, जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी संक्रमण के केस मिले हैं। छोटे बच्चों पर इसका खासा असर देखा जा रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों को इस वायरस से जुड़े मामलों की निगरानी बढ़ाने और जागरूकता फैलाने की सलाह दी है। विशेषज्ञों की माने तो यह वायरस फ्लू जैसे है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह आमतौर पर खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी इस वायरल को लेकर बयान दिया है, उन्होंने कहा- 'ये कोई नया वायरस नहीं है। सर्दी और बरसात के मौसम में ज्यादा असर करता है। सरकार चीन से आए मामले को लेकर सतर्कता बरत रही है, पड़ोसी देशों में वायरस के हालात पर भी नजर बनाए हुए हैं।'

HMPV वायरस से कैसे करें बचाव

कोरोना के कोहराम को शायद ही कोई भूला पाया होगा, जब चीन से उपजे इस वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी। अब एक बार फिर से चीन में खतरनाक HMPV (Human Metapneumovirus) वायरस फैल चुका है। चीन में हजारों लोग इसकी जद में आ चुके है। HMPV एक प्रकार का श्वसन वायरस है। जो सबसे पहले 2001 में यूरोपीय देश नीदरलैंड में पाया गया था। यह पैरामिक्सो विरिडी परिवार का सदस्य है और श्वसन तंत्र (Respiratory system) को प्रभावित करता है। यह वायरस बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों में हल्के से गंभीर श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है।

कैसे फैलता है HMPV? 

HMPV कई तरह से लोगों को अपनी चपेट में लेता है। ये वायरल संपर्क में आने से, संक्रमित सतहों से और हवा से फैलता है। 

  • संपर्क से: संक्रमित लोगों के साथ संपर्क में आने से वायरस फैलता है। जैसे- छींकना, खांसना या हाथ मिलाने से वायरस फैलता है। 
  • संक्रमित सतहों से: अगर कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित किसी सतह को छूता है और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूता है, तो उसे HMPV संक्रमण हो सकता है।
  • हवा से: संक्रमित लोगों की खांसी या छींक से वायरस हवा की जरिए फैल सकता है।

HMPV के लक्षण 

HMPV एक रेस्पिरेटरी वायरस है। इसके कोविड-19 जैसे लक्षण होते हैं। संक्रमित व्यक्ति को सर्दी लगती है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी जैसे होते हैं, लेकिन यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।

  • खांसी 
  • नाक बहना या बंद होना 
  • बुखार 
  • गले में खराश 
  • सांस लेने में कठिनाई 
  • थकान 

HMPV का बचाव 

  • साफ-सफाई 
  • बार-बार हाथ धोना, विशेष रूप से खाने से पहले और बाहर से आने के बाद।  
  • हाथ धोने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करें या अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर लगाएं 
  • संक्रमित व्यक्ति से बनाए दूरी 
  • बार-बार हाथ धोना, खार तौर से खाने से पहले और बाहर से आने के बाद। 
  • साबुन और पानी का उपयोग करें या अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर लगाएं। 
  • संक्रमित से दूरी 
  • वायरस फैलने से रोकने के लिए बीमार व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचें। 
  • सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें। 
  • इम्युनिटी बढ़ाना 
  • संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होने चाहिए। 
  • नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद लें।

टीकाकरण

HMPV का फिलहाल कोई खास टीका अभी तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन दूसरे श्वसन वायरस के टीकाकरण (जैसे फ्लू वैक्सीन) से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है।

डॉक्टर की सलाह लें 

अगर लक्षण गंभीर है, जैसे सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो रही है तो, तुरंत अपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

HMPV का उपचार 

HMPV के लिए कोई खास एंटीवायरल दवा नहीं है। उपचार आमतौर पर लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है।

HMPV से किसे ज्यादा खतरा? 

  • छोटे बच्चे (5 साल से कम) 
  • बुजुर्ग (65 साल से ज्यादा) 
  • दिल या फेफड़े की बीमारियों के मरीज 
  • कमजोर इम्युनिटी वाले लोग 
  • सावधानी बरतने से HMPV संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है।

HMPV और कोविड-19 

कोविड-19 संक्रमण और HMPV दोनों श्वसन संबंधी रोग देते हैं। समानता यह है कि दोनों ही वारयस व्यक्ति को मामूली से लेकर गंभीर स्तर की श्वसन संबंधी बीमारी देते हैं। दोनों में से किसी से भी संक्रमित होने पर खांसी, बुखार और सांस फूलने के लक्षण दिखते हैं।दोनों में अंतर यह है कि कोविड-19 से जुड़े वायरस से होने वाली बीमारी का दायरा विस्तृत है जिसमें स्वाद और गंध की क्षमता कम हो जाती है और खून के थक्के जमना शामिल है। कोविड-19 से बचाव के लिए जहां वैक्सीन और एंटीवायरल उपचार की सुविधा उपलब्ध है, वहीं HMPV से बचाव के उपाय सीमित हैं और इसके लिए कोई एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। 

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अपडेटेड 20:44 IST, January 11th 2025

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