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Published 10:50 IST, December 14th 2024

गोवा: जमीन हड़पने का आरोपी पुलिस कस्‍टडी से फरार, कॉन्स्टेबल ने की मदद; विपक्ष ने CM सावंत को घेरा

गोवा कैश फॉर जॉब्स स्‍कैम मामले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मामले का आरोपी पुलिस कस्‍टडी से फरार हो गया है।

Reported by: Digital Desk
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goa land grabbing accused escapes police custody | Image: Screen Grab

गोवा कैश फॉर जॉब्स स्‍कैम मामले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मामले का आरोपी पुलिस कस्‍टडी से फरार हो गया है। आरोपी को भागने में मदद करने का आरोप थाने के ही कांस्‍टेबल पर लगा है। एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। वहीं आरोपी के फरार होने का वीडियो भी सामने आया है जिसके बाद विपक्ष हमलावर हो गई है।

विपक्ष ने सरकार और सिस्टम पर सवाल खड़ा किया है। पुलिस अधीक्षक (क्राइम ब्रांच) राहुल गुप्ता ने कहा कि लगभग साढ़े चार साल तक फरार रहे सिद्दीकी सुलेमान खान को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह बीते 12 दिसंबर को देर रात करीब ढाई बजे अपराध शाखा की हिरासत से भाग गया। उन्होंने कहा कि अपराध शाखा की विशेष जांच टीम ने जमीन हड़पने के तीन मामलों में 12 नवंबर को खान को गिरफ्तार किया था।

कांस्‍टेबल ने कैसे खान को कस्‍टडी से भगाया

पुलिस ने बताया कि भारतीय रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के कांस्टेबल अमित नाइक ने खान को हवालात से निकाला और दोनों मोटरसाइकिल पर बैठकर फरार हो गए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में ओल्ड गोवा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और आरोपियों को पड़ोसी क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकने के लिए सभी राज्य की सीमाएं सील कर दी गई हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी और विस्तृत जांच की जाएगी।

विपक्ष ने गोवा सरकार पर बोला हमला, सीएम से मांगा इस्‍तीफा

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष और गोवा के विधायक विजय सरदेसाई ने एक्स पर पोस्ट लिखा कि 'आरोपी होटल से चेकआउट करने की तरह लॉकअप से बाहर निकलता है; गोवा पुलिस की ओर से बेहतरीन ग्राहक सेवा। यह बिल्कुल चौंकाने वाला है कि जिस तरह से भूमि हड़पने के मामले में मुख्य आरोपी क्राइम ब्रांच लॉकआउट से बाहर निकल गया, ठीक उसी समय जब ईडी ने भूमि हड़पने की जांच शुरू की।

पुलिस विभाग में उच्चतम स्तर के राजनीतिक हस्तक्षेप से हर कोई वाकिफ है और शीर्ष से हरी झंडी के बिना ऐसा आतिथ्य संभव नहीं था। इस घटना की दुस्साहसता केवल हमारी कानून और व्यवस्था प्रणाली में घोर अव्यवस्था और अनुशासनहीनता और गृह मंत्रालय की खुली छूट संस्कृति की ओर इशारा करती है। सीएम को राज्य की हिरासत में अपराधियों के लिए अतिथि देवो भवः सिद्धांत का विस्तार करना बंद कर देना चाहिए, और अगर वह गृह मंत्री के रूप में अपने पद से इस्तीफा देते हैं तो वे गोवा के लिए एक महान सेवा करेंगे!'

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Updated 10:50 IST, December 14th 2024

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