Published 17:00 IST, June 28th 2024
पेरू में 7.2 तीव्रता का भूकंप, दिल्ली-NCR में आए ऐसा भूचाल तो क्या होगा? कितना सुरक्षित है आपका घर
दिल्ली-NCR में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया तो क्या होगा? सवाल ये भी है कि भारत में कहां-कहां भूकंप से खतरा है? भारत को भूकंप के लिहाज से 5 जोन में बांटा गया है।
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Peru Earthquake: अमरीका महाद्वीप में स्थित दक्षिणी पेरू में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (EMSC) के मुताबिक पेरू के दक्षिणी तट पर भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई। इससे पहले, अधिकारियों ने सुनामी की चेतावनी जारी कर दी थी। 7.2 तीव्रता का ये भूकंप देश में 5.1 तीव्रता भूकंप आने के एक दिन बाद आया है। भूकंप के कारण किसी नुकसान के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
EMSC के मुताबिक, शुक्रवार सुबह आया भूकंप अतीकीपा से 8 किलोमीटर पश्चिम में आया। भूकंप का केंद्र 28 किलोमीटर की गहराई में था। इस बीच, होनोलुलु स्थित सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। पेरू सरकार ने सोशल मीडिया पर कहा कि वह नुकसान का आकलन करने और आवश्यक कार्रवाई निर्धारित करने के लिए स्थिति की निगरानी कर रही है।
भारत में आए ऐसा भूंकप तो क्या होगा?
रिक्टर स्केल पर 7.2 के भूकंप बहुत विनाशकारी होते हैं। इसमें बहुत तीव्र कंपन महसूस होता है, जानमाल का काफी नुकसान होता है। बड़ी इमारतें गिर सकती हैं और सूनामी आने का खतरा भी बढ़ जाता है। दक्षिणी पेरू के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि अगर दिल्ली-NCR में इस तीव्रता का भूकंप आया तो क्या होगा? सवाल ये भी है कि भारत में कहां-कहां खतरा है? भारत को भूकंप के लिहाज से 5 जोन में बांटा गया है।
जोन-1
भूकंप के लिहाज से सबसे कम खतरे वाले इलाके जोन-1 में आते हैं। इसमें पश्चिमी मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक पूर्वी महाराष्ट्र और उड़ीसा के हिस्से आते हैं।
जोन-2
इस जोन में हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु का कुछ हिस्सा शामिल है।
जोन-3
देश का 30 फीसदी हिस्सा जोन 3 में आता है। इसमें पश्चिमी राजस्थान का कुछ हिस्सा, झारखंड का उत्तरी हिस्सा, उत्तर प्रदेश का कुछ हिस्सा, गोवा, लक्षद्वीप, केरल के कुछ हिस्से, पश्चिम बंगाल और गुजरात के कुछ इलाके आते हैं।
जोन-4
यह जोन अधिक खतरनाक होता है। इसमें देश का 18 फीसदी हिस्सा आता है। जिसमें उत्तरी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी घाट पर महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा, पश्चिमी राजस्थान का इलाका, पश्चिम बंगाल का छोटा इलाका, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से और उत्तराखंड के कुछ इलाके आते हैं।
जोन-5
इस जोन को सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है। देश का करीब 11 फीसदी हिस्सा जोन 5 में आता है। इसमें गुजरात का कच्छ और भुज, बिहार में दरभंगा, असम में गुवाहाटी, सदिया जोरहाट और तेजपुर, हिमाचल में मंडी और उत्तराखंड का अल्मोड़ा शामिल है।
10 रिक्टर स्केल का भूकंप आने से क्या होगा?
भूकंप के लिहाज से भारत का अधिकतर हिस्सा सुरक्षित है। लेकिन कल्पना कीजिए कि अगर 10 रिक्टर स्केल का भूकंप आता है, तो क्या होगा? तो चलिए हम आपके तमाम सवालों का जवाब देते हैं।
1.9 रिक्टर स्केल
इस तीव्रता के भूकंप को सिर्फ सीज्मोग्राफ पर दर्ज किया जाता है। ये आम लोगों को ये महसूस नहीं होता। हर साल करीब 10 हजार ऐसे भूकंप आते हैं
2.9 रिक्टर स्केल
2.9 रिक्टर स्केल के भूकंप से बेहद हल्का कंपन महसूस होता है। जानमाल का नुकसान नहीं होता।
3.9 रिक्टर स्केल
हल्के झटके महसूस होते हैं। इस तरह का अनुभव महसूस होता है जैसे बस करीब से निकल गई हो। जानमाल का नुकसान नहीं होता है।
4.9 रिक्टर स्केल
हल्के से कुछ तेज झटके लगते हैं। दीवार पर टंगी तस्वीरें गिर सकती हैं, घरों की खिड़कियां टूट सकती हैं और इमारतों को नुकसान हो सकता है।
5.9 रिक्टर स्केल
इस तीव्रता के भूकंप से काफी नुकसान हो सकता है। घर में रखे फर्नीचर हिलने लगते हैं। घरों की दीवारों में दरारें भी आ सकती हैं।
6 - 6.9 रिक्टर स्केल
पूरे शहर में भूकंप का प्रभाव दिखता है। कच्चे घर जमींदोज हो जाते हैं, इमारतों की भी नींव दरक सकती है। दुनिया में हर साल ऐसे करीब 200 भूकंप आते हैं।
7.9 रिक्टर स्केल
ये भूकंप बहुत विनाशकारी होते हैं। बहुत तीव्र कंपन महसूस होता है, जानमाल का काफी नुकसान होता है। बड़ी इमारतें गिर सकती हैं और सूनामी आने का खतरा भी बढ़ जाता है।
8.9 रिक्टर स्केल
8.9 रिक्टर स्केल पर जानमाल का भारी नुकसान होता है। बड़े-बड़े पुल ढह सकते हैं, शहर के शहर तबाह हो सकते हैं।
9.9 रिक्टर स्केल
पृथ्वी के बड़े हिस्से का नाश हो जाएगा। मैदानी धरती खेत की तरह लहराएगी। ऐसी प्रलय की सिर्फ कल्पना करना मुश्किल है।
10 रिक्टर स्केल
10 रिक्टर स्केल का भूकंप आने पर शायद ही धरती पर कोई बचे।
Updated 17:00 IST, June 28th 2024