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पब्लिश्ड 19:29 IST, September 5th 2024

Puja Khedkar: बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा अभी नहीं होंगी गिरफ्तार, दिल्ली HC ने 26 सितंबर तक लगाई रोक

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 सितंबर तक पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

Reported by: Kanak Kumari Jha
पूजा खेडकर | Image: Unacademy Youtube Channel

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 सितंबर तक पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। दिल्ली हाई कोर्ट सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले में जांच करने के लिए और समय दिया जाए। 

इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 26 सितंबर तक टाल दी। वहीं कोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगी रोक भी 26 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि उसने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा किया था।

दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि खेडकर ने सिविल सेवा की 2022 और 2023 में दी गई परीक्षा में दो अलग-अलग दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा किया था। ये दिव्यांगता प्रमाण पत्र कथित तौर पर महाराष्ट्र के अहमदनगर के मेडिकल अथॉरिटी ने जारी किया था। इससे पहले 29 अगस्त को मामले में सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने तब भी खेडकर की गिरफ्तारी टाल दी थी।

UPSC ने पूजा खेडकर के खिलाफ लिया था एक्शन

पिछले महीने UPSC ने पूजा खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई की थी, जिसमें फर्जी पहचान के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा में प्रयास करने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल था। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। 31 जुलाई को UPSC ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया।

पूजा खेडकर ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया

हालांकि पिछले दिनों पूजा खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि उनके चयन और नियुक्ति के बाद यूपीएससी के पास उन्हें अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है। उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई सिर्फ केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से ही की जा सकती है। यूपीएससी के फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी के आरोपों का खंडन करते हुए पूजा खेडकर ने 4 पन्नों के जवाब में दावा किया कि उन्होंने 2012 से 2022 तक ना तो अपना पहला नाम और उपनाम बदला है, ना ही आयोग के सामने अपने नाम में हेरफेर किया है या गलत जानकारी दी है। पूजा खेडकर ने अपनी याचिका में जवाब दाखिल किया था, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत मांगी गई थी।

इसे भी पढ़ें: 'अगर भारत पसंद नहीं तो यहां अपना काम धंधा भी बंद करें', Wikipedia को दिल्ली HC ने क्यों कहा ऐसा?

अपडेटेड 19:57 IST, September 5th 2024

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