Published 20:50 IST, December 29th 2024
संभल: बावड़ी के ऊपर लोगों ने बना लिए घर, खुदाई में मिले कई पुराने अवशेष; जानिए नौवें दिन क्या-क्या मिला?
बावड़ी की खुदाई आज 9 वें दिन भी जारी रही और अब ये और भी ताबड़तोड़ तरीके से की जा रही है। आज बावड़ी को 4 हिस्सों में खोदा गया। जानिए क्या कुछ मिला ?
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सागर मिश्रा की रिपोर्ट
Sambhal Bavdi: बावड़ी की खुदाई आज 9 वें दिन भी जारी रही और अब ये और भी ताबड़तोड़ तरीके से की जा रही है। आज बावड़ी को 4 हिस्सों में खोदा गया, जिसमें तीसरे हिस्से की खुदाई के दौरान एक मकान का सिर भी नजर आया। मकान की इमारत बावड़ी के नीचे दबी पड़ी है, जिससे अब आसपास के लोग डर में हैं कि कहीं उनके मकान को भी अब तोड़ा न जाए। संभल जिले के चंदौसी स्थित मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मणगंज में ये खुदाई चल रही है। प्रशासन का कहना है कि इस पर फैसला जल्द ही लिया जाएगा, वहीं, CCTV कैमरों से इलाके की निगरानी भी बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही पीएसी के जवानों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है ताकि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा सके।
खुदाई के दौरान कई पुराने अवशेष भी मिले हैं और बावड़ी के अंदर जो कुआं था, वह अब साफ-साफ दिखाई देने लगा है। सड़क पर बने अवैध अतिक्रमण को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है, जिससे अब प्रशासन का फोकस मुख्य रूप से बावड़ी और उसके आसपास की इमारतों पर है। इस पूरी प्रक्रिया के कारण आसपास के इलाकों में अराजकता का माहौल बना हुआ है और लोगों में यह चिंता है कि कहीं उनके घर भी बावड़ी के दायरे में न आ जाएं।
ASI की टीम ने बावड़ी का किया निरीक्षण
ASI की टीम ने शनिवार को बावड़ी और खंडहरनुमा प्राचीन बांकेबिहारी मंदिर का निरीक्षण किया। दोपहर करीब 1:15 बजे ASI के सर्किल इंचार्ज मेरठ डिवीजन विनोद सिंह रावत, राजेश कुमार, मुकेश कुमार समेत चार सदस्यीय टीम चंदौसी के लक्ष्मणगंज में पहुंची। टीम ने बावड़ी का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने कुएं को तलाशने के लिए की जा रही खोदाई कार्य को भी देखा। साथ ही कार्य में लगे मजदूरों से बात की।
टीम करीब 15 मिनट तक बावड़ी में रही और स्थिति का जायजा लिया। टीम ने बताया कि अमरोहा जिले में भी बावड़ी का स्ट्रक्चर इसी तरह का है। इसके बाद ASI की टीम चंदौसी स्थित खंडहरनुमा प्राचीन बांकेबिहारी मंदिर पहुंची। उन्होंने मंदिर की दीवारें, लिंटर और फर्श चेक किया। यहां भी टीम करीब 15 मिनट रुकी और इसके बाद लौट गई।
भीड़ रोकने के लिए लगाई गई बैरिकेडिंग
मोहल्ला लक्ष्मणगंज में बावड़ी मिलने के बाद ये जगह चर्चा का विषय बनी हुई है। जिले के अलावा आसपास के लोग बावड़ी देखने आ रहे हैं। दिनभर लोगों की भीड़ रहती है। अब भीड़ से ज्यादा काम प्रभावित न होने इसके लिए प्रशासन ने बैरिकेडिंग की है। प्रशासन ने एक ओर के रास्ते पर बांस-बल्ली से बैरिकेडिंग की है। वहीं, दूसरी ओर के रास्ते पर सीमेंट की ईटें लगाकर आवागमन रोक दिया है।
अब तक कितनी खुदाई हो चुकी ?
उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी स्थित मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मणगंज में मिली प्राचीन बावड़ी में पहली मंजिल के गलियारों से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के निर्देशन में शुक्रवार को यानी सातवें दिन खुदाई और मिट्टी हटाने का काम किया गया, इससे पहले गुरुवार शाम तक बावड़ी की पहली मंजिल के गलियारों से मिट्टी हटाने का काम किया गया था। इस दौरान नगर पालिका परिषद की सेनेटरी इंस्पेक्टर प्रियंका सिंह और 40 से 50 मजदूर मौके पर पहुंचे, मजदूरों ने बावड़ी के गलियारों से मिट्टी निकाल कर ट्रैक्टर-ट्राली में भरा और पहली मंजिल के एक साइड के गलियारे का पूरा फर्श साफ कर दिया गया है। वहीं बावड़ी में उतर रही सीढ़ियों के सामने बावड़ी का कुआं बताया जा रहा है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर का कहना है कि पहली मंजिल की पूरी तरह से सफाई होने के बाद ही कुएं की साइड वाली मिट्टी पूरी तरह निकालने के बाद आगे की खुदाई की जाएगी।
बावड़ी का असली राजा कौन ?
यूपी के संभल जिले में स्थित चंदौसी में खुदाई के दौरान एक प्राचीन बावड़ी मिली है। ये संपत्ति किसकी है? इसे लेकर कई मालिक सामने आए हैं। कई लोगों ने बावड़ी पर दावा ठोंका है। इस बावड़ी का असली राजा कौन है? दरअसल मोहम्मद मुस्तकीम कुरैशी नामक एक व्यक्ति ने बावड़ी पर दावा करते हुए कहा कि ये सारी प्रॉपर्टी हमारी है और प्रशासन से इसका कोई लेना देना नहीं है। प्रशासन सिर्फ इसकी जांच कर सकता है। अगर इसमें कुछ निकलता है तो ठीक है। बाकी न ये कोई सरकारी जगह है और न ही प्रशासन से कोई वास्ता है। उन्होंने आगे कहा कि यहां बावड़ी पहले से थी और बदायूं के अहूजा बाबू ने इसकी प्लॉटिंग की थी। इस बीच पूर्व सांसद राजा चंद्रविजय सिंह ने भी बावड़ी पर दावा किया है। उन्होंने कहा कि बावड़ी मिलने के बाद से कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि ये संपत्ति उनकी है। ऐसा दावा करने वालों से परिचित नहीं हूं। ये बावड़ी हमारे परिवार की है।
Updated 21:12 IST, December 29th 2024