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पब्लिश्ड 16:34 IST, January 13th 2025

कोई ग्राम प्रधान, कोई लग्जरी कारों का मालिक...बिश्नोई गैंग के नाम पर डॉक्टर्स से करते थे उगाह; दिल्ली पुलिस ने पकड़े 4 अपराधी

दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद-आगरा समेत 3 ठिकानों से 4 अपराधियों को गिरफ्तार किया। ये आरोपी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का डर दिखाकर डॉक्टर्स से उगाही करते थे।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
दिल्ली पुलिस ने 4 अपराधी गिरफ्तार किए। | Image: AI

Delhi News: (रिपोर्ट: जतिन शर्मा)- दिल्ली पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। पुलिस ने डॉक्टर्स से 'लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट' के नाम पर धमकी भरे पत्र भेजकर उगाही करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस ऑपरेशन के बाद आरोपियों को लेकर दिल्ली पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं।

बताया जाता है कि गिरफ्तार 4 आरोपियों में से एक सबल सिंह, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के सिधपुरा गांव का ग्राम प्रधान है। वहीं दूसरा आरोपी हर्ष उर्फ अखिलेश, जो कभी एक फुटपाथी विक्रेता था, अब कई लग्जरी कारों का मालिक है। मामला तब सामने आया जब दीपचंद बंधु अस्पताल के सीएमओ डॉ. अनीमेश ने भारत नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उन्हें 'लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट' के नाम से एक धमकी भरा पत्र मिला, जिसमें बैंक खाते में 'प्रोटेक्शन मनी' जमा करने की मांग की गई थी।

कैसे हुआ गिरोह का पर्दाफाश

पुलिस ने शिकायत के बाद जिस बैंक खाते में 'प्रोटेक्शन मनी' मांगी गई, उसकी जांच शुरू की। ये खाता अरुण वर्मा के नाम से था, लेकिन खाते में दर्ज पता फर्जी निकला। तकनीकी जांच के दौरान पता चला कि अरुण वर्मा गैस सिलेंडर कंपनी से जुड़ा है और सिलेंडर उसके वास्तविक पते पर डिलीवर होते हैं। गैस डिस्ट्रीब्यूटर की मदद से पुलिस ने गाजियाबाद के नंदग्राम से अरुण वर्मा को गिरफ्तार किया।

CCTV और तकनीकी जांच से मिली अहम जानकारी

आरोपियों की पहचान में पुलिस को बैंक खाते की गतिविधियों से बड़ी मदद मिली। खाते का इस्तेमाल शराब खरीदने में होता था। डीटीटीडीसी के लोन रोड स्थित एक शराब दुकान की सीसीटीवी फुटेज से एक संदिग्ध को शराब खरीदते हुए देखा गया। इसके बाद पुलिस ने स्थानीय जांच और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) के आधार पर आरोपी ऋषि उर्फ राहुल शर्मा को गोपालपुर, पूर्वी दिल्ली से गिरफ्तार किया।

ग्राम प्रधान और अन्य साथी गिरफ्तार

पूछताछ में ऋषि ने खुलासा किया कि उसने अपने साथियों, सबल सिंह और हर्ष उर्फ अखिलेश के साथ मिलकर ये साजिश रची थी। सबल सिंह मैनपुरी का ग्राम प्रधान है, जिसे पुलिस ने कॉल डिटेल और लोकेशन ट्रेस कर आगरा से गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर हर्ष उर्फ अखिलेश को भी आगरा से हिरासत में लिया गया।

मोबाइल टावर घोटाले से उगाही तक का सफर

पूछताछ के दौरान पता चला कि ये गिरोह 2015 से मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों को ठग रहा था। लेकिन जब इस घोटाले में लोग फंसने से बचने लगे, तो इन्होंने डॉक्टरों से उगाही की योजना बनाई। आरोपियों ने इंटरनेट से 'ऑल डॉक्टर्स इन दिल्ली' नामक एक पीडीएफ फाइल डाउनलोड की, जिसमें डॉक्टरों के नाम, अस्पताल और मोबाइल नंबर दर्ज थे। उन्होंने इन डॉक्टरों को कृष्णा नगर पोस्ट ऑफिस से धमकी भरे पत्र भेजे। चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस अब उनके पिछले अपराधों की जांच कर रही है।

यह भी पढे़ं: प्रेमिका के पिता को मारने की दी सुपारी; शूटर्स ने गलत इंसान को मारा

अपडेटेड 18:50 IST, January 13th 2025

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