Published 10:53 IST, September 18th 2024
EXPLAINER/ आतिशी के CM बनने से 'AAP' को कितना फायदा, हुआ नुकसान तो भी कहां तक? 5 प्वाइंट्स में जानिए सबकुछ
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद 'आप' ने आतिशी मार्लेना को सीएम बना दिया है। आइए अब हम आपको बताते हैं कि इससे पार्टी को फायदा होगा या नुकसान?
Atishi Marlena New CM of Delhi for ‘AAP’ Profit of Loss: आम आदमी पार्टी ने मंगलवार (17 सितंबर) को विधायक दल की बैठक के बाद आतिशी मार्लेना को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुन लिया है। इसके पहले पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की नई आबकारी नीति के बाद शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। मुख्यमंत्री बनते ही आतिशी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा- "केजरीवाल पर फर्जी आरोप लगाए गए। केंद्र सरकार ने एक के बाद एक करके अपनी सारी एजेंसी को उनके पीछे छोड़ा। 6 महीने एक झूठे मुकदमें में जेल में रखा। सुप्रीम कोर्ट ने ना सिर्फ बरी किया बल्कि तीखी टिप्पणी भी की।"
भले ही आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने के बाद दिल्ली के नए मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी मार्लेना के नाम का ऐलान तो कर दिया लेकिन इस फैसले से आम आदमी पार्टी को आने वाले समय में फायदा होगा या नुकसान ये एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्ची के नेता लगातार इस बात का भी दावा कर रहे हैं कि केजरीवाल ने कोर्ट की शर्तों के मुताबिक सीएम पद से इस्तीफा दिया है क्योंकि जब वो सीएम दफ्तर नहीं जा सकते हैं, किसी फाइल पर साइन नहीं कर सकते हैं तो ऐसे में उनका सीएम बने रहना ज्यादा प्रभावशाली नहीं था। इसी वजह से 'आप' ने आतिशी को सीएम बनाने का बड़ा फैसला किया। आइए अब हम आपको बताते हैं कि इससे पार्टी को फायदा होगा या नुकसान? सबसे पहले फायदे की बात करते हैं कि आतिशी को सीएम बनाने के बाद 'AAP' को क्या फायदे मिल सकते हैं।
आतिशी के पास सबसे ज्यादा मंत्रालय का अनुभव सरकार चलाने आएगा काम
आतिशी मार्लेना वो चेहरा है जो अन्ना आंदोलन के बाद साल 2012 में आम आदमी पार्टी के फाउंडर सदस्यों में शामिल है इसलिए आतिशी को पार्टी की गाइडलाइन, फैसले और पार्टीलाइन की बेहतरीन समझ है। पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर संगठन के मुखिया तक आतिशी की बेहतरीन पकड़ है उन्हें हर कोई जानता है। इसके अलावा मौजूदा समय में आतिशी के बाद PWD, शिक्षा और वित्त मंत्रालय सहित कुल 14 मंत्रालय आतिशी के पास हैं। पार्टी में किसी भी नेता का कद उसका काम तय करता है ऐसे 14 महत्वपूर्ण मंत्रालय रखने वाली आतिशी के पास बेहतरीन अनुभव है। इस अनुभव का फायदा वो दिल्ली की सरकार चलाने में अच्छी तरह से कर सकती हैं।
आतिशी को महिला होने का मिलेगा फायदा
अगर हम बीते कुछ समय पहले की बात करें तो देश में लगातार इस बात की मुहीम चल रही है कि महिलाओं को राजनीति में बराबर का भागीदार बनाया जाए इस बात की चर्चा जोर-शोर से हो रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भी लोकसभा से लेकर विधानसभा में भी महिलाओं को 33% आरक्षण देने के लिए कानून भी पारित किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद देश के तमाम सियासी दलों में भी इस बात की कोशिश है कि वो अपनी पार्टी में महिला चेहरों को आगे लाएं। में तमाम राजनीतिक दलों की कोशिश है कि महिला चेहरों को आगे किया जाए। ऐसी सूरत में अगर आतिशी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो आम आदमी पार्टी की छवि को और भी बेहतर बनेगी इस फैसले से अरविंद केजरीवाल ने देश आधी आबादी को मैसेज दिया है।
'AAP' पास CM के लिए बड़े चेहरों कमी नहीं फिर भी आतिशी को दिया मौका
दिल्ली की कुर्सी पर आतिशी मार्लेना को बैठाकर आम आदमी पार्टी ने पूरे देश की आधी आबादी को ये संदेश दिया है कि उन्होंने पार्टी में कई दिग्गज नेताओं (मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, गोपाल राय) जैसे चेहरे होने के बावजूद आतिशी मार्लेना को मुख्यमंत्री बनाया। ऐसा इसलिए क्योंकि आतिशी पार्टी की महिला विंग का बड़ा चेहरा हैं और आम आदमी पार्टी ने लोकतांत्रिक फैसला लेते हुए एक महिला को मुख्यमंत्री बनाया। पार्टी चाहती तो अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को भी मुख्यमंत्री बना सकती थी जैसा कि हम कई राज्यों में देख चुके हैं, लेकिन यहां पार्टी ने डेमोक्रेसी दिखाते हुए पार्टी कार्यकर्ता को ही मुख्यमंत्री बनाया। इस फैसले से आम आदमी पार्टी को आगामी चुनाव में लाभ मिलेगा। इसके अलावा कुछ ऐसे प्वाइंट्स भी हैं जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी का ये फैसला उनके लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। आइए आपको बताते हैं इस फैसले के 'आप' क्या नुकसान हो सकते हैं।
अफजल गुरु वाला कनेक्शन दे सकता है नुकसान, BJP बना रही मुद्दा
अरविंद केजरीवाल के दिल्ली से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी की वरिष्ठ नेताआतिशी मार्लेना को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया है। इस फैसले से आम आदमी पार्टी को होने वाले फायदों के बारे में तो हमने आपको बता दिया। अब आइए बात करते हैं इस फैसले से पार्टी को होने वाले नुकसान के बारे में। आतिशी के मुख्यमंत्री बनते ही भारतीय जनता पार्टी ने सबसे पहले संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु से आतिशी के कनेक्शन पर सवाल उठा रही है। दरअसल अफजल गुरु को बचाने के लिए कोर्ट में जो याचिका लगाई गई थी उस पर आतिशी के पिता ने भी दस्तखत किए थे। बीजेपी के अलावा ये आवाज आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी जोर शोर से उठाई है। अगर बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बना ले गई तो ये पार्टी के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है।
आतिशी को काम के लिए कम समय
आतिशी भले ही मुख्यमंत्री बना दी गई हों लेकिन उनके पा इस कुर्सी पर बैठने का समय कितने दिनों का है। ज्यादा से ज्यादा 4-5 महीने का इतने कम समय में कोई भी मुख्यमंत्री भला क्या साबित कर लेगा? आगामी कुछ ही महीनों में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता लगातार इसमें भी चुनाव के ऐलान के बाद आचार संहिता लग जाएगी तो आतिशी को काम करने के लिए समय ही कहां बचा? ऐसे में वो क्या काम करेगी और एक मुख्यमंत्री के तौर पर क्या साबित कर पाएगी? ऐसे में आम आदमी पार्टी के इस फैसले से उसे नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
Updated 23:00 IST, September 18th 2024