पब्लिश्ड 16:26 IST, January 22nd 2025
BREAKING: कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्याकांड में CBI खटखटाएगी HC का दरवाजा, संजय रॉय को फांसी की सजा दिलाने की करेगी मांग
BREAKING: कोलकाता के आरजी कर रेप-हत्याकांड मामले में सीबीआई हाईकोर्ट के पास जाएगी। हाईकोर्ट से संजय रॉय को फांसी की सजा देने की मांग करेगी।
- भारत
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RG Kar Rape and Murder Case BREAKING: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ ऑन ड्यूटी रेप और हत्या मामले में सीबीआई निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगी। HC में CBI संजय रॉय के खिलाफ फांसी की सजा के लिए अपील दाखिल करेगी।
बता दें, कोलकाता की सियालदह कोर्ट ने ऑन ड्यूटी ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और नृशंस हत्या मामले में संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने आरजी कर में हुई इस घटना को दुर्लभ में से दुर्लभतम केस करार नहीं दिया। कोर्ट के इस फैसले से ना जाने कितने लोगों की उम्मीदें टूटी है। खास तौर पर पीड़ित परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा हुआ है। अभया के परिवार ने 17 लाख की मुआवजा राशि लेने से भी इनकार कर दिया।
जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को ठहराया दोषी
सियालदह कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार को रॉय को 9 अगस्त 2024 को अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात फीमेल ट्रेनी डॉक्टर के खिलाफ किए गए जघन्य अपराध के मामले में दोषी ठहराया था। इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था और पश्चिम बंगाल में लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए।
जस्टिस दास ने कहा कि यह अपराध दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता, जिससे दोषी को मृत्युदंड दिया जा सके। न्यायाधीश ने कहा, "सीबीआई ने मृत्युदंड देने का अनुरोध किया। बचाव पक्ष के वकील ने गुहार लगाई है कि मृत्युदंड के बजाय कारावास की सजा दी जाए...यह अपराध दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है।"
दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश अनिर्बान दास ने दोषी संजय रॉय से कहा, "मैं आपको आजीवन कारावास की सजा सुना रहा हूं, इसका मतलब है आपके जीवन के अंतिम दिन तक कारावास। यह सजा पीड़िता के साथ बलात्कार के दौरान उसे चोट पहुंचाने के लिए है, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई।"
इन धाराओँ के तहत दोषी ठहराया गया संजय रॉय
बता दें, संजय रॉय को इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 (बलात्कार), 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा) और 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया था। न्यायाधीश ने कहा कि धारा 64 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा रही है और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। न्यायाधीश ने कहा कि जुर्माना अदा न करने पर पांच महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
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अपडेटेड 17:08 IST, January 22nd 2025