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Published 18:09 IST, December 20th 2024

Atul Subhash: पोते के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची अतुल सुभाष की मां, 3 राज्य सरकारों को भेजा नोटिस

याचिकाकर्ता अतुल की मां अंजू देवी ने अपने पोते यानी अतुल के साढ़े चार साल के बेटे की कस्टडी के लिए अर्जी लगाते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है।

Reported by: Ravindra Singh
पोते के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची अतुल सुभाष की मां, 3 राज्य सरकारों को भेजा नोटिस | Image: R Bharat

Atul Subhash Suicide Case: बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या (Atul Subhash Suicide Case) के मामले में अब अतुल की मां अंजू देवी (Anju Devi) ने अपने पोते की तलाश शुरू कर दी है। अंजू देवी ने अपने पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अतुल सुभाष के साढ़े चार साल के बेटे और अपने पोते के कस्टडी दिए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने मामले की सुनवाई की है और तीन राज्यों को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगा है।    

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को इस हेवियस कारपस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता अतुल की मां अंजू देवी ने अपने पोते यानी अतुल के साढ़े चार साल के बेटे की कस्टडी के लिए अर्जी लगाते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है। दायर की गई याचिका में कहा गया है कि वो बच्चा कहां है ये किसी को भी पता नहीं है। क्योंकि हिरासत में मौजूद अतुल की पत्नी निकिता उस बच्चे का अता पता नहीं बता रही है। पत्नी के भाई अनुराग सिंघानिया और मां निशा सिंघानिया भी फिलहाल हिरासत में हैं। लिहाजा उनसे पूछताछ कर मासूम बच्चे की कस्टडी उनको यानी दादा दादी को सौंपी जाए।


फरीदाबाद बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है बच्चा- निकिता

निकिता ने पुलिस की बताया कि बेटा फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है। उसकी कस्टडी निकिता के ताऊ सुशील सिंघानिया के पास है। जबकि निकिता के ताऊ सुशील ने पुलिस को बच्चे की कस्टडी या उसके बारे में कोई भी जानकारी होने से सिरे से इंकार किया है। याचिका मे कहा गया है कि इस मामले का उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक तीनों राज्यों से संबंध है इसलिए सुप्रीम कोर्ट इसमें दखल दे और बच्च को बरामद कर कोर्ट के समक्ष लाया जाए। सुप्रीम कोर्ट मे इस मामले पर अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।


फैमिली कोर्ट की जज ने मांगी रिश्वत और उड़ाया मजाक

अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले लगभग डेढ़ घंटे का एक वीडियो बनाया था इस वीडियों में उन्होंने अपने आत्महत्या की वजह बताई ती। उन्होंने वीडियो में बताया कि जब ये मामला जौनपुर की फैमिली कोर्ट पहुंचा तब जौनपुर की प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट जज अतुल के केस में डेट के लिए पेशकार को रिश्वत देनी पड़ती थी। अतुल ने वीडियो में ये आरोप भी लगाए हैं कि कोर्ट की जज ने उन पर 3 करोड़ रुपये के मेंटिनेंस का दबाव बनाया था और साथ में दिसंबर में ही केस को सेटल करने के लिए 5 लाख रुपये मांगे थे। अतुल ने वीडियो में आगे बताया कि जब मैंने फैमिली कोर्ट की जज को बताया कि मेरी पत्नी मुझे आत्महत्या करवाने के लिए उकसा रही है तब जज भरी कोर्ट में हंस पड़ी 2022 में भी जज ने पेशकार के जरिए 3 लाख रुपये मांगे थे। जब अतुल ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया था तब जज ने एलमनी और मेंटिनेंस के ऑर्डर जारी कर अतुल को हर महीने 80 हजार रुपये देने पर मजबूर किया था।


वीडियो में बताई आत्महत्या की वजह

सुसाइड करने से पहले लिखे गए सुसाइड नोट और वीडियो में अतुल ने अपनी मौत का जिम्मेदार अपने ससुराल वालों को बताया है। अतुल ने सुसाइड से पहले बनाए वीडियो में बताया कि मेरी मौत की जिम्मेदार मेरी पत्नी निकिता सिंघानिया, साला अनुराग सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, चचेरा ससुर सुशील सिंघानिया हैं। अतुल ने वीडियो में आगे बताया कि उसके ससुराल वालों ने उससे पैसे हड़पने के लिए उसकी पत्नी के साथ मिलकर बहुत बड़ी साजिश रची थी। उन लोगों ने मिलकर अतुल के परिवार को पहले दहेज और घरेलू हिंसा सहित कई मामलों में फंसाया और फिर अतुल पर भी कई झूठे मुकदमे में फंसाया। इस वीडियो को देखकर ये सीख मिल सकती है कि कोई भी लड़की देश की कानून व्यवस्था का इस्तेमाल कर कैसे किसी भी परिवार को बर्बाद कर सकती है। 

यह भी पढ़ेंः Atul Subhash: 'लाइफ की अंतरंग किस्सों...' सुसाइड से पहले अतुल बैखौफ थे

Updated 18:09 IST, December 20th 2024

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