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Published 11:52 IST, December 19th 2024

'कभी नहीं देखा ऐसा भयावह मंजर, बेसुध पड़ी थी बच्ची...' मुंबई हादसे पर नौका चालकों ने बताई आंखों देखी

नौका चालक के रूप में 18 वर्षों का अनुभव रखने वाले बामणे ने बताया कि उन्होंने पहले भी घटनाएं देखी हैं लेकिन यह घटना सबसे भयावह और दुखद थी।

Mumbai Boat Tragedy | Image: PTI

Mumbai Boat Accident: मुंबई तट पर हुए नौका हादसे के बाद लोगों की मदद के लिए पहुंचे कुछ नौकाओं के चालक घटनास्थल के हालात देखकर स्तब्ध रह गए, जहां लोग मदद के लिए गुहार लगा रहे थे। चालकों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी भयावह घटना कभी नहीं देखी।

नौसेना ने बताया कि बुधवार शाम करीब चार बजे मुंबई तट पर करंजा के पास इंजन परीक्षण के दौरान नौसेना के एक पोत ने नियंत्रण खो दिया और वह ‘नीलकमल’ नामक नौका से जा टकराया। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई। 99 लोगों को बचा लिया गया। यह नौका यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया से लोकप्रिय पर्यटन स्थल ‘एलीफेंटा’ द्वीप पर लेकर जा रही थी।

‘बेहद भयावह थे हालात…’

मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) की पायलट नौका ‘पूर्वा’ के चालक आरिफ बामणे ने कहा, ‘‘जब हम वहां पहुंचे तो हालात बेहद भयावह थे। लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और कुछ लोग तो रो रहे थे।’’ उन्होंने बताया कि फेफड़ों में पानी भर जाने से एक छोटी बच्ची बेसुध अवस्था में पड़ी थी। चालक और अन्य बचावकर्मियों ने उसके पेट व छाती पर दबाव डालकर पानी निकालने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे उसकी सांसें सामान्य हो गईं।

चालक ने बताया कि मछली पकड़ने के लिए उपयोग में आने वाली नौका और एक अन्य पर्यटक नौका उनसे पहले ही घटनास्थल पर पहुंच गई थी।

‘ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने का प्रयास किया’

बामणे ने बताया कि बुधवार शाम को जब वह और उनकी टीम जवाहर द्वीप से मुंबई जा रहे थे, तभी नियंत्रण कक्ष से दुर्घटना की सूचना मिली। उन्हें जल्द से जल्द ‘जेडी5’ के पास घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि उनकी नौका पर केवल चार लोगों के लिए जगह थी, लेकिन उन्होंने दूसरी नौका के पहुंचने से पहले लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने बताया कि हादसे का शिकार होने वालों में तीन से चार विदेशी नागरिक भी थे।

बामणे ने कहा, ‘‘हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने का प्रयास किया।’’ उन्होंने बताया कि लगभग 20-25 लोगों को बचाया गया, जिन्हें बाद में घटनास्थल पर पहुंची नौसेना की नौकाओं में स्थानांतरित कर दिया गया।

'अब तक का सबसे बड़ा बचाव अभियान…'

नौका चालक के रूप में 18 वर्षों का अनुभव रखने वाले बामणे ने बताया कि उन्होंने पहले भी घटनाएं देखी हैं लेकिन बुधवार की घटना सबसे भयावह और दुखद थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी याद में यह अब तक का सबसे बड़ा बचाव अभियान है।’’

छोटी पर्यटक नौका के चालक इकबाल गोठेकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनकी नौका के ‘एलीफेंटा’ द्वीप से अपराह्न तीन बजकर 35 मिनट पर रवाना होने के 25 से 30 मिनट बाद उन्हें घटना के बारे में जानकारी हुई और वह दुर्घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में से एक थे।

मूलरूप से रायगढ़ जिले के निवासी गोठेकर ने बताया कि हादसे का शिकार हुई नौका के यात्री मदद के लिए हाथ हिला रहे थे। उन्होंने बताया कि जब वे घटनास्थल पर पहुंचे तो मछुआरों की एक नौका भी वहां आ गई। गोठेकर ने बताया कि उन्होंने 16 लोगों को बचाया और उन्हें गेटवे ऑफ इंडिया तक सुरक्षित पहुंचाया। बचाए गए लोगों को पुलिस चौकी ले जाया गया। गोठेकर ने कहा, ‘‘अपने करियर में मैंने ऐसी घटना कभी नहीं देखी।’’

सूत्रों के अनुसार, नौका की क्षमता 80 यात्रियों की थी और यह घटना से लगभग 45 मिनट पहले यह गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप के लिए रवाना हुई थी। हादसा जवाहर द्वीप के पास हुआ।

महाराष्ट्र में हुई इस घटना के बाद बुधवार को पुलिस ने दक्षिण मुंबई के लोकप्रिय स्थल गेटवे ऑफ इंडिया पर पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी और नौका सेवाओं को निलंबित कर दिया। हालांकि, मुंबई-अलीबाग नाव सेवाओं का परिचालन शाम तक जारी रहा।

यह भी पढ़ें: '..तभी तेज टक्कर, बोट में पानी भरने लगा; कम थी लाइफ जैकेट'- मुंबई नाव हादसे के गवाह ने सुनाई आपबीती


 

 

 

 

 

 

खारी मनीषा

मनीषा

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 11:52 IST, December 19th 2024

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