Published 08:39 IST, December 19th 2024
'..तभी तेज टक्कर, बोट में पानी भरने लगा; कम थी लाइफ जैकेट'- मुंबई नाव हादसे के गवाह ने सुनाई आपबीती
हादसे के दौरान वहां मौजूद गवाह ने अपनी आपबीती सुनाई तो मानो कई बड़े सवाल खड़े हो उठे कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कैसे इंतजाम थे ?
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Eyewitness Mumbai boat accident : मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा जा रही एक पैसेंजर नाव से नेवी की स्पीड बोट टकरा गई, जिससे बड़ा हादसा हो गया। 13 लोगों की मौत की दुखद खबर ने हर किसी को बेचैन कर दिया, वहीं जब हादसे के दौरान वहां मौजूद गवाह ने अपनी आपबीती सुनाई तो मानो कई बड़े सवाल खड़े हो उठे कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कैसे इंतजाम थे ?, कैसे 13 लोगों की जिंदगियां हमेशा के लिए समुद्र के आगोश में समा गईं, डरा देने वाली जानकारी ये है कि गवाह बता रहे हैं कि बोट में लिमिटिड लाइफ जैकेट ही थीं। खैर मौके पर कुछ लोगों को तो लाइफ जैकेट ने लाइफ दे दी लेकिन उनका क्या जिनकी बारी आने तक जैकेट की खत्म हो गई। जाने कैसा था वो मंजर, गवाहों ने सुनाई आपबीती।
नाव हादसे में 13 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 99 लोगों को बचा लिया गया। हादसा बुधवार शाम करीब 4 बजे हुआ। नेवी की स्पीड बोट इंजन टेस्टिंग के दौरान नियंत्रण खो बैठी और पैसेंजर नाव नीलकमल से जा टकराई। हादसे पर राष्ट्रपति से लेकर PM मोदी, CM देवेंद्र फडणवीस ने दुख जताया है। मुआवजे का ऐलान भी किया गया है।
तेज टक्कर के बाद नाव में पानी भरने लगा- गवाह
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हादसे के गवाह गणेश (45) ने बताया कि, 'मैं दोपहर 3.30 बजे नाव पर चढ़ा था। नेवी की बोट हमारी नाव के चारों ओर चक्कर लगा रही थी। मुझे लग रहा था कि टक्कर हो सकती है और अगले ही पल बोट हमारी नाव से टकरा गई। टक्कर के बाद नाव में पानी भरने लगा। कैप्टन ने तुरंत हमें लाइफ जैकेट पहनने को कहा, क्योंकि नाव पलटने लगी थी।'
'लाइफ जैकेट पहनकर समुद्र में कूद गया'- गवाह
हादसे के गवाह ने बताया- 'मैंने लाइफ जैकेट पहनी और समुद्र में कूद गया। करीब 15 मिनट तक मैं पानी में तैरता रहा। तभी एक दूसरी नाव पर मौजूद रेस्क्यू टीम ने मुझे बचा लिया। हमें गेटवे ऑफ इंडिया वापस ले जाया गया। हादसे के आधे घंटे के भीतर नौसेना, तटरक्षक और समुद्री पुलिस की टीमें बचाव के लिए पहुंच गईं। मैं पहले बचाए गए यात्रियों में शामिल था।'
'नाव में लाइफ जैकेट कम थीं'
हादसे में बचे बेंगलुरु के विनायक मथम ने बताया कि, हमारी नाव पर 100 से ज्यादा यात्री थे, लेकिन पर्याप्त लाइफ जैकेट नहीं थीं। शुरुआत में तो मुझे लगा कि नेवी की बोट मौज-मस्ती के लिए घूम रही है, लेकिन फिर वह हमारी नाव से टकरा गई। अगर पहले ही लाइफ जैकेट दी जाती, तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती।'
किसी के पास सेफ्टी जैकेट नहीं था- गवाह
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के शख्स गौतम गुप्ता ने भी हादसे की आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि वह अपनी मौसी और मौसेरी बहन को लेकर एलिफेंटा घूमने जा रहे थे। इस हादसे में उनकी मौसी की मौत हो गई। गौतम ने बताया कि बोट में किसी के पास सेफ्टी जैकेट नहीं था। हादसे के बाद हमने कई लोगों को पानी से निकालकर बोट की ओर खींचा। करीब 20 से 25 मिनट बाद नेवी ने हमें रेस्क्यू किया, लेकिन तब तक हमने अपनी मौसी को खो दिया।
PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हादसे पर दुख जताया। वहीं, PM मोदी की ओर से मुआवजे का ऐलान किया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने पोस्ट में कहा, 'मुंबई में हुई नौका दुर्घटना दुखद है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द स्वस्थ हो जाएं। प्रभावितों को सहायता प्रदान की जा रही है।’ PMO ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने मुंबई में नौका दुर्घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के निकट परिजन के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की घोषणा की है। घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।’
CM फडणवीस ने भी मृतकों को 5 लाख देने की घोषणा की
नाव हादसे पर महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फणडवीस ने भी दुख जताते हुए मुआवजे की घोषणा की थी। उन्होंने हादसे में जाव गंवाने वाले लोगों के परिजनों को सीएम रिलीफ फंड से 5 लाख रुपये की मदद देने का ऐलान किया।
हादसे पर नौसेना ने क्या कहा?
हादसे को लेकर नौसेना की ओर से एक बयान जारी किया गया। इसमें बताया कि नौसेना का पोत इंजन परीक्षण के लिए जा रहा था। इस दौरान शाम चार बजे इसने नियंत्रण खो दिया और करंजा के पास नीलकमल नाम की एक नौका से टकरा गया। यह नौका यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया से लोकप्रिय पर्यटन स्थल ‘एलीफेंटा’ द्वीप पर लेकर जा रही थी।
Updated 08:50 IST, December 19th 2024