Published 20:10 IST, July 22nd 2024
बिहार को क्यों नहीं मिला विशेष राज्य का दर्जा? केंद्र सरकार मेहरबान हो भी जाती तो क्या फायदा होता
Bihar Special Status: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग नई नहीं है। JDU लंबे समय से केंद्र सरकार के सामने ये मुद्दा उठाती रही है।
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Bihar special status: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग को केंद्र सरकार ने नजरअंदाज कर दिया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा नहीं दिया जाएगा। सोमवार को संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही दोनों सदनों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठा। सरकार ने 2012 में तैयार एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का कोई मामला नहीं बनता है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग बहुत पुरानी है और प्रदेश के सभी प्रमुख राजनीतिक दल इसके लिए आवाज उठाते रहे हैं।
लोकसभा में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा जनता दल (यू) के सदस्य रामप्रीत मंडल के प्रश्न उठा था। वहीं राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मनोज झा ने शून्यकाल में विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज, दोनों देने की मांग सदन के माध्यम से केंद्र सरकार के सामने रखी थी। इससे पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी BJP की सहयोगी पार्टियों सहित बिहार के कुछ दलों ने विशेष दर्जा देने की मांग की थी।
सरकार ने दिया लिखित जवाब
रामप्रीत मंडल ने लोकसभा में सवाल किया था कि क्या सरकार आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य और अन्य अत्यधिक पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा प्रदान करने पर विचार कर रही है? रामप्रीत मंडल के इस सवाल पर लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि अतीत में राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) ने कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया है। इन राज्यों में कुछ ऐसी विशेषताएं थीं जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि इनमें पर्वतीय और दुर्गम भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व या आदिवासी जनसंख्या की बड़ी हिस्सेदारी, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और बुनियादी संरचना के लिहाज से पिछड़ापन और राज्य के वित्त की अलाभकारी प्रकृति शामिल रहीं।
पंकज चौधरी ने कहा कि पहले बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (IMG) द्वारा विचार किया गया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। IMG ने यह निष्कर्ष निकाला था कि NDC के मौजूदा मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है। बतादें, सरकार पहले भी कह चुकी है कि 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट में किसी और राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने की संभावना खारिज कर दी गई है।
केंद्र के सामने क्या मुश्किल है?
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कोई नई नहीं है। JDU लंबे समय से केंद्र सरकार के सामने ये मुद्दा उठाती रही है। सीएम नीतीश कुमार ने स्पेशल राज्य का दर्जा देने की मांग 2005 में उस वक्त भी उठाई थी, जब वो पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। विशेष राज्य के लिए अकेला बिहार ही नहीं है, बिहार के पीछे आंध्र प्रदेश भी खड़ा था। TDP प्रमुख चंद्र बाबू नायडू (Chandrababu Naidu) भी लंबे समय से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। 2014 में आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ। इसके बाद चंद्र बाबू नायडू ने साल 2017 में राज्य के लिए विशेष दर्जा देने की मांग उठाई थी। एक बार के लिए मान भी लें कि केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने बात मान लेती है। इसके बाद चंद्र बाबू नायडू भी आंध्र प्रदेश के लिए अपनी मांग को मजबूती से उठाएं। इसके अलावा दूसरे राज्य भी अपने लिए यह मांग उठा सकते हैं।
11 राज्यों को विशेष दर्जा
भारत में फिलहाल 11 राज्यों को यह दर्जा मिला हुआ है।
- असम
- नगालैंड
- मणिपुर
- तेलंगाना
- उत्तराखंड
- हिमाचल प्रदेश
- मिजोरम
- अरुणाचल प्रदेश
- त्रिपुरा
- सिक्किम
- मेघालय
विशेष राज्य से बिहार को क्या फायदा?
विशेष राज्य का दर्जा उन राज्यों को दिया जाता है, जो देश के बाकी हिस्सों की तुलना में पिछड़े हुए हैं। ऐसे राज्यों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार की अधिक मदद करती है। केंद्र की तरफ से राज्य सरकार को कई तरह की छूट और अनुदान दिए जाते हैं। केंद्र सरकार अपनी तरफ से विशेष पैकेज और टैक्स में छूट देती है। जिससे रोजगार, विकास और कारोबार का बढ़ाया जा सके। विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर-
- केंद्र सरकार की योजनाओं में 90% धनराशि मिलती है
- अभी तक बिहार को 60-70% धनराशि मिलती है
- सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क, आयकर और कॉरपोरेट टैक्स में छूट
- विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को देश के सकल बजट का 30% हिस्सा मिलता है
कैसे मिलता है विशेष राज्य का दर्जा?
संविधान में किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रावधान नहीं है। हालांकि, 1969 में भारत के राज्यों की योजना के लिए केंद्रीय सहायता को निर्धारित करने के लिए बनी गाडगिल कमेटी की सिफारिशों पर विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। 1969 में जम्मू-कश्मीर, नगालेंड और असम को विशेष राज्य का दर्जा मिला था। अगर मोदी सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देती, तो मंगलवार को पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्रालय एक विशेष पैकेज तैयार करना पड़ता। ये विशेष पैकेज एक लाख करोड़ तक का हो सकता है।
(भाषा इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत डेस्क)
Updated 01:03 IST, July 23rd 2024